बृहस्पति नीति: जीवन के हर संघर्ष के लिए अपनाएं ये सूत्र

punjabkesari.in Thursday, Jul 25, 2019 - 10:42 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
देवताओं के गुरु बृहस्पति के बारे में तो सब जानते ही हैं। महाभारत के आदिपर्व के मुताबिक बृहस्पति महर्षि अंगिरा के पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। जब भी दैत्य देवताओं के यज्ञों में विघ्न डालते हैं तो बृहस्पति देव देवताओं की रक्षा करते हैं और इसके साथ ही वह रक्षोघ्र मंत्रों का प्रयोग करके देवताओं का पोषण भी करते हैं। देव गुरु ने अपने जीवन में कई ऐसी नीतियों का प्रयोग किया है, जिन्हें अगर आज के समय में कोई अपना ले तो उसका जीवन सफल हो सकता है।  
PunjabKesari, kundli tv
श्लोक
सकृदुच्चरितं येन हरिरित्यक्षरद्वयम्। 
बद्धः परिकरस्तेन मोक्षाय गमनं प्रति।।
अर्थात मनुष्य को हर परिस्थिति में भगवान को याद करते रहना चाहिए, क्योंकि भगवान का स्मरण ही हर सफलता की कुंजी हैं। जो मनुष्य इस बात को समझ लेता है, उसे जीवन में सभी सुख मिलते हैं, साथ ही मोक्ष पाना भी संभव हो जाता है। भगवान को याद करते रहने से किसी भी स्थिति का सामना इंसान कर सकता है।
PunjabKesari, kundli tv
त्यज दुर्जनसंसर्ग भज साधुसमागमम्। 
कुरु पुण्यमहोरात्रं स्मर नित्यमनित्यताम्।। 
अर्थात मनुष्य को दुर्जन यानि बुरे विचारों और आदतों वाले लोगों की संगति छोड़कर, बुद्धिमान और सज्जन लोगों से दोस्ती करनी चाहिए। सज्जन लोगों की संगति में ही मनुष्य दिन-रात धर्म और पुण्य के काम कर सकता है।
PunjabKesari, kundli tv,
तैस्तच्छरीरमुत्सृष्टं धर्म एकोनुग्च्छति। 
तस्ताद्धर्मः सहायश्च सेवितव्यः सदा नृभिः।।
अर्थात आज के समय में कोई किसी का सखा नहीं बन सकता। समय आने पर हर कोई साथ छोड़ देता है, लेकिन धर्म कभी मनुष्य का साथ नहीं छोड़ता। जब कोई भी अन्य मनुष्य या वस्तु आपका साथ नहीं देते, तब आपके द्वारा किए गए धर्म और पुण्य के काम ही आपकी मदद करते हैं और हर परेशानी में आपकी रक्षा करते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Lata

Recommended News

Related News