चाणक्य नीतिः मुसीबत में जानें, कौन है आपका सच्चा मित्र
punjabkesari.in Tuesday, Jul 09, 2019 - 01:04 PM (IST)
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कहते हैं कि मुसीबत के समय हर इंसान की पहचान हो जाती है फिर वो चाहे रिश्तेदार हों या दोस्त, सब अपना असली रंग दिखा ही देते हैं। कई बार व्यक्ति इतनी मुश्किल में होता है कि वो समझ ही नहीं पाता कि ऐसी स्थिति में क्या करे और क्या न करे। ऐसे में हमारे कई धार्मिक ग्रंथ ऐसे हें जिनमें मुसीबत आने पर व्यक्ति को क्या करना चाहिए और किस तरह स्थिति को संभालना चाहिए, उसके बारे में बताया है। आचार्य चाणक्य द्वारा लिखी गई कई नीतियां ऐसी हैं जो आज के समय में भी प्रसिद्ध हैं। जो व्यक्ति इनकी नीतियों का अनुसरण करता है वह हमेशा आने वाली मुसीबतों से आसानी से निकल जाता है। आचार्य चाणक्य ने एक नीति में बताया है कि कैसे और किन परिस्थितियों में अपने खास सगे-संबंधियों और दोस्तों की परीक्षा होती है।
अपने नौकर की परीक्षा तब करें, जब वह अपने कर्त्तव्य का पालन न कर रहा हो। यानि वह अपने काम से जी चुराने लगे या फिर किसी काम को लेकर मनाही करने लगे।
रिश्तेदार और सगे-संबंधियों की परीक्षा तभी होती है, जब आप किसी गंभीर मुसीबत में घिरे हुए होते हैं। ऐसे में अगर वो आपका साथ देने से मना कर दे या खुद को पीछे हटा लें तो समझ जाना चाहिए कि वह आपकी मदद कभी नहीं करेगा।
आपकी पत्नी आपसे कितना प्यार करती है इसकी परीक्षा तब होती है जब आप किसी संकट में चल रहे होते हैं। विपरीत परिस्थिति में ही सच्ची पत्नी की परीक्षा होती है।
असली और स्वार्थी दोस्तों की परीक्षा संकट के समय ही होती है। अच्छा और पक्का मित्र वही होता है जो आपके सुख और दुख दोनो में काम आता है। वो नहीं जा आपको मुसीबत में देखकर भी आप पर हंसने के अलावा कुछ न करे।