100 साल लंबी उम्र की इच्छा रखने वाले एक बार ज़रूर पढ़ लें ये

punjabkesari.in Friday, Aug 16, 2019 - 07:02 PM (IST)

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मृत्यु वो है जो दुनिया में आए हर व्यक्ति का गिरेबान पकड़ उसे अपने साथ ले जाती है। कहने का मतलब ये है कि ऐसा कोई एक आदमी नहीं है जिसने मृत्यु का सामना न किया हो और न ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे कभी मृत्यु आएगी नहीं। आप में से बहुत से लोगों ने सुना होगा कि हर व्यक्ति अपने जन्म के साथ अपनी मृत्यु की तारीख़ लिखवाकर आता है। मगर पुराणों के मुताबिक व्यक्ति अप ने कर्मों से मृत्यु को टाल सकता है। ठहरिए ठहरिए इसका मतलब ये नहीं कि वो कभी मरेगा नहीं बल्कि इसका मतलब कि अच्छे कर्म करके अपनी उम्र बढ़ा सकता है। लेकिन वहीं अगर बुरे कर्म हो तो इससे उम्र घट भी सकती है।
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अर्थात कि कर्मों के मुताबिक व्यक्ति को आयु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है और मृत्यु का शाप पाकर पहले मर भी सकता है।

तो आइए जानते हैं किस तरह के कर्मों से व्यक्ति की मौत जल्द होती है-
महाभारत के दौरान धृतराष्ट्र ने महात्मा विदुर से सवाल पूछा था कि जब सभी वेदों में मनुष्य को सौ वर्ष की आयु वाला बताया गया है। तो आखिर किसी कारण से इंसान अपनी पूर्ण आयु को भोग नहीं पाता।

तब विदुर जी ने उत्तर में एक श्लोक कहा जो इस प्रकार है-
'शतायुरुक्ता पुरूषः सर्ववेदेषु वै यदा।
नाप्नोत्यथ च तत् सर्वमायुः केनेह हेतुना।।

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इस श्लोक में धृतराष्ट्र को विदुर जी ने 6 कारण बताए थे जिससे मनुष्य अपनी पूर्णायु को नहीं भोग पाता है।

ये हैं वो 6 कारण-
कहते हैं अभिमानी मनुष्य अपने आप को सबसे बड़ा मानता है जिस कारण वह बड़ों का भी अनादर करने लगता है। अपन इस स्वभाव के चलते वो भगवान का प्रिय नहीं रहता। इसलिए भगवान उसकी उम्र कम कर देते हैं।

इसके अलावा ज्यादा बोलने की आदत भी उम्र को कम करती है। इससे जुड़ी वजह कुछ इस प्रकार है  इससे व्यक्ति का अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं रहता है और वह किसी को कुछ भी कह सकता है ऐसे में कई बार वह लोगों का दिल भी दुखा देते हैं।

जिन लोगों में त्याग की कमी होती है उनको भी बहुत जल्दी मौत आ जाती है। इसका सबसे प्रमाण है रावण और दुर्योधन। इन दोनों में त्याग की भावना न थी जिस कारण से ही इन्हें युद्ध करना पड़ा और मारे गए।

क्रोध, जो आज कल हर इंसान में हद से ज्यादा है, इससे भी मृत्यु दिन भर दिन मृत्यु नज़दीक आती जाती है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहते हैं व्यक्ति को नर्क में पहुंचाने के लिए अकेला उसका क्रोध ही काफी है।
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उम्र की लंबी डोर को काटने वाला पांचवा तलवार स्वार्थ को माना जाता है। विदुर जी के अनुसार स्वार्थ में मनुष्य बड़े से बड़ा पाप करने में लज्जा का अनुभव नहीं करता है। जिस कारण उसके जीवन का जल्द ही अंत हो जाता है।

आख़िरी कारण जो विदुर जी ने बताया है अपने मित्रों के साथ धोखा और बेईमानी करना। जो व्यक्ति अपने मित्र से धोखा करता है उस पर यमराज बहुत क्रोधित होते हैं और उसे बहुत दर्दनाक दंड देते हैं।
 


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Jyoti

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