इस आदत से बनाकर रखें दूरी, लिंकन के जीवन की थी सबसे बड़ी भूल

punjabkesari.in Saturday, Dec 31, 2016 - 04:11 PM (IST)

बात उन दिनों की है जब अमरीका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन युवा थे। वह अमूमन विरोधियों की हंसी उड़ाने के लिए पत्र छपवा कर सड़कों पर फैंक दिया करते थे। बाद में यही पत्र उन्होंने समाचार पत्रों में छपवाना शुरू कर दिए। एक बार की बात है कि समाचार पत्र में गुमनाम चिट्ठी छपवाई गई। यह पत्र उन्होंने जेम्स शिल्ड्ज नाम के उग्र व्यक्ति के नाम लिखा। वह आयरिश राजनीतिज्ञ था। इस व्यंग्य पत्र को जिसने भी पढ़ा उसके चेहरे पर हंसी की बारिश जरूर होती थी। 

 

जल्द ही यह बात शिल्ड्ज तक पहुंची। वह काफी नाराज हुए और उन्होंने यह पता लगवाया कि समाचार पत्र में मेरे नाम का व्यंग्य पत्र किसने प्रकाशित करवाया है। जब उन्हें पता चला कि यह व्यंग्य लिंकन ने प्रकाशित करवाया है तो वह उनसे मिले और उन्हें द्वंद्व युद्ध के लिए ललकारा। 

 

लिंकन लड़ना नहीं चाहते थे। फिर भी दोनों के बीच द्वंद्व युद्ध के लिए एक दिन तय किया गया। युद्ध तलवार से लड़ा जाना था। ऐसे में उन्होंने अपने उस्ताद की मदद से तलवारबाजी सीखी। युद्ध की यह बात चारों तरफ फैल गई। ऐसा माना जाने लगा कि इस युद्ध में एक व्यक्ति की मृत्यु निश्चित है। 

 

द्वंद्व युद्ध का समय नजदीक आ रहा था और फिर अंतिम समय में द्वंद्व युद्ध को रोक दिया गया। अब्राहम लिंकन के जीवन की यह बहुत ही भयानक घटना थी जिससे उन्होंने सीखा कि आलोचना और भत्सर्ना का परिणाम अच्छा नहीं होता है। इस घटना के बाद से लिंकन ने अपने विरोधियों के प्रति कभी भी व्यंग्यात्मक लहजे में पत्र नहीं लिखे।
 


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