प्रकांड विद्वान होने पर भी रावण ने सीता मां का अपहरण किया, जानें कारण

punjabkesari.in Monday, Apr 11, 2016 - 09:52 AM (IST)

युद्ध में पराजित रावण मृत्यु शैय्या पर पड़ा अंतिम सांसें गिन रहा था। राम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण से कहा कि रावण प्रकांड विद्वान है, अत: उससे कुछ ज्ञान प्राप्त कर आओ।

 
लक्ष्मण रावण के पास गए और अपनी इच्छा का इजहार किया।  रावण ने लक्ष्मण को बहुत-सी ज्ञान की, राजनीति की और लोकाचार की बातें बताईं। तब लक्ष्मण ने रावण से पूछा, ‘‘आप तो प्रकांड विद्वान हैं, शिष्टाचार की बातें बता रहे हैं मगर फिर भी आपने सीता मां का अपहरण क्यों किया?’’ 
 
रावण ने बिना किसी पश्चाताप के कहा, ‘‘मैं राक्षस कुल में पैदा हुआ और इस तरह की बातें अपने रोजमर्रा जीवन में देखता था, इसीलिए मैंने भी यह कार्य कर डाला।’’
 
 
लक्ष्मण को अचरज हुआ, विभीषण भी तो उसका भाई था, जो उसके विपरीत आचरण वाला था। वह सीधे विभीषण के पास गया और पूछा, ‘‘आप राक्षस कुल में पैदा हुए, रोजमर्रा जीवन में राक्षसी कर्म को आपने देखा फिर भी आपके मन में दैवत्व कहां से आ गया?’’ 
 
 
विभीषण ने जवाब दिया, ‘‘यह सही है कि मैं राक्षस कुल में पैदा हुआ, मगर प्रारंभ से ही मैं इस तरह के राक्षसी कर्म और अन्याय को नापसंद करता था और मैंने प्रण किया था कि ऐसे काम मैं कभी नहीं करूंगा तथा लोगों को भी ऐसे कार्य करने से भरसक मना करूंगा।’’ 
 
 
परिस्थितियां बेशक महत्वपूर्ण हो सकती हैं, मगर ये आपको अलग तरीके से सोचने के लिए रोक नहीं सकतीं। 

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