अत्यधिक धनी व्यक्ति भी सुख की खोज में रहता हैं

punjabkesari.in Sunday, May 03, 2015 - 10:20 AM (IST)

एक बार की बात है कि एक शहर में बहुत अमीर सेठ रहता था । अत्यधिक धनी होने पर भी वह हमेशा दुखी ही रहता था । एक दिन ज्यादा परेशान होकर वह एक ऋषि के पास गया और अपनी सारी समस्या ऋषि को बताई । उन्होंने सेठ की बात ध्यान से सुनी और सेठ से कहा कि कल तुम इसी वक्त फिर से मेरे पास आना, मैं कल ही तुम्हें तुम्हारी सारी समस्याओं का हल बता दूंगा । सेठ खुशी-खुशी घर गया और अगले दिन फिर से ऋषि के पास आया तो उसने देखा कि ऋषि सड़क पर कुछ ढूंढने में व्यस्त थे ।

सेठ ने गुरु जी से पूछा कि महर्षि आप क्या ढूंढ रहे हैं? गुरु जी बोले कि मेरी एक अंगूठी गिर गई है, मैं वही ढूंढ रहा हूं पर काफी देर हो गई है लेकिन अंगूठी मिल ही नहीं रही है । यह सुन कर वह सेठ भी अंगूठी ढूंढने में लग गया । जब काफी देर हो गई तो सेठ ने फिर गुरु जी से पूछा कि आपकी अंगूठी कहां गिरी थी? ऋषि ने जवाब दिया कि अंगूठी मेरे आश्रम में गिरी थी पर वहां काफी अंधेरा है इसीलिए मैं यहां सड़क पर ढूंढ रहा हूं । सेठ ने चौंकते हुए पूछा कि जब आपकी अंगूठी आश्रम में गिरी है तो यहां क्यों ढूंढ रहे हैं?

ऋषि ने मुस्कुराते हुए कहा कि यही तुम्हारे कल के प्रश्र का उत्तर है, खुशी तो मन में छुपी है लेकिन तुम उसे धन में खोजने की कोशिश कर रहे हो इसीलिए तुम दुखी हो । यह सुन कर सेठ ऋषि के पैरों में गिर गया । यही बात हम लोगों पर भी लागू होती है । जीवन भर पैसा इक्ट्ठा करने के बाद भी इंसान खुश नहीं रहता क्योंकि हम पैसा कमाने में इतना मगन हो जाते हैं कि अपनी खुशी आदि सब भूल जाते हैं ।


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