चीन की ''चाल'' से भारत को झटका, इस सेक्टर में 21,000 नौकरियां जा सकती हैं
punjabkesari.in Monday, Jun 23, 2025 - 12:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पिछले कुछ सालों में तेजी से आगे बढ़ा है। लेकिन अब इस ग्रोथ पर ब्रेक लग सकता है और वजह है चीन की ओर से लगाया गया निर्यात प्रतिबंध। इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री की सबसे पुरानी संस्था एल्सीना (ELCINA) ने चेतावनी दी है कि चीन की इस रणनीति का सीधा असर भारत के ऑडियो इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर पड़ सकता है और इससे करीब 21,000 नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है।
रेयर अर्थ पर चीन का कंट्रोल
चीन ने अप्रैल 2025 में टेरबियम और डिस्प्रोसियम जैसे रेयर अर्थ पदार्थों के निर्यात पर सख्त लाइसेंसिंग शर्तें लागू की हैं। ये पदार्थ रेयर अर्थ मैग्नेट(NdFeB) बनाने में काम आते हैं, जो खासकर स्पीकर्स, टीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग किए जाते हैं। भारत इन मैग्नेट्स के लिए लगभग पूरी तरह से चीन पर निर्भर है—और अब वही चीन आपूर्ति रोक रहा है।
कैसे काम करता है ये सिस्टम?
ऑडियो स्पीकर्स में इस्तेमाल होने वाले रेयर अर्थ मैग्नेट बहुत छोटे लेकिन ताकतवर होते हैं। इनका एक स्पीकर में योगदान लगभग 5-7% होता है। लेकिन यही छोटा हिस्सा स्पीकर की परफॉर्मेंस को पूरी तरह तय करता है। अगर ये न मिलें, तो स्पीकर बनाना या तो नामुमकिन हो जाएगा या फिर बेहद महंगा।
कहां-कहां होगी नौकरियों पर मार?
एल्सीना की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा और दक्षिण भारत जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में स्पीकर और ऑडियो सिस्टम बनाने वाली यूनिट्स पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
अगर चीन का प्रतिबंध जारी रहा, तो:
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लगभग 5,000 से 6,000 प्रत्यक्ष नौकरियां जाएंगी
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लगभग 15,000 अप्रत्यक्ष नौकरियों पर भी संकट गहराएगा
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स्पीकर बनाने वाली कंपनियां चीन से तैयार मॉड्यूल आयात करने लगेंगी, जिससे भारत में मैन्युफैक्चरिंग घटेगी
चीन के अलावा और कौन?
कई लोग पूछ रहे हैं—क्या जापान, अमेरिका या यूरोप से यह कच्चा माल नहीं लाया जा सकता? जवाब है—हाँ, लाया तो जा सकता है, लेकिन:
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वहां के मैग्नेट 2 से 3 गुना महंगे पड़ते हैं
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सप्लाई बहुत सीमित होती है
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भारत की बढ़ती जरूरतों को वह पूरा नहीं कर सकते
यही वजह है कि भारत को मजबूरी में फिर से चीन से तैयार स्पीकर मॉड्यूल मंगवाने की तरफ लौटना पड़ सकता है।
वीडियो और टीवी इंडस्ट्री को भी खतरा
टीवी और इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां भी परेशान हैं। Videotex जैसी कंपनियों ने साफ कहा है कि इन मैग्नेट्स के बिना उच्च गुणवत्ता वाले स्पीकर्स बनाना मुश्किल है। और विकल्प ढूंढना फिलहाल असंभव जैसा है।
समाधान क्या हो सकता है?
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देश में रेयर अर्थ मैग्नेट का उत्पादन बढ़ाया जाए
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वैकल्पिक स्रोत देशों जैसे वियतनाम, मलेशिया या ऑस्ट्रेलिया से आयात की दिशा में काम किया जाए
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सरकार रेगुलेटरी मदद और सब्सिडी के ज़रिए इस सेक्टर को मजबूती दे