PNB में हुई करोड़ों रुपए की गलत ट्रांजैक्शन, जांच शुरु

punjabkesari.in Thursday, Feb 15, 2018 - 05:36 AM (IST)

मुंबईः सरकारी क्षेत्र के पंजाब नैशनल बैंक में एक बड़ी हेराफेरी सामने आई है। पीएनबी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि बैंक ने 177 करोड़ डॉलर (करीब 11360 करोड़ रुपए) के गलत ट्रांजैक्शन का पता लगाया है। यह गलत ट्रांजैक्शन मुंबई की एक ब्रांच में हुआ है।

2 अधिकारियों के खिलाफ FIR, 10 कर्मचारी किए सस्‍पेंड
बैंक ने एक बयान में कहा है कि ट्रांजैक्शन कुछ चुनिंदा खाता धारकों की सहमति से उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए हुए थे। साथ ही बैंक के माध्यम से किए गए इन ट्रांजैक्शन्स के जरिए अन्य बैंकों से विदेश में बैठे ग्राहकों को एडवांस भुगतान देने की बात सामने आ रही है। बैंक ने इस धोखाधड़ी में शामिल 2 अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में बैंक के 10 कर्मचारियों को सस्‍पेंड किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है। साथ ही बैंक की आंतरिक कमेटी भी मामले की जांच कर रही है। इस खबर के बाद पीएनबी के शेयरों में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है।

नीरव मोदी पर भी कसेगा शिकंजा
साथ ही इस मामले में बड़े ज्वेलर नीरव मोदी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में मेहुल चोकसी का नाम भी शामिल है। इन लोगों पर लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए नुकसान पहुंचाने का आरोप है। इस मामले में मेहुल चोकसी का नाम आने पर गीतांजलि जेम्स ने अपनी सफाई में कहा है कि पीएनबी या उसके अधिकारियों से कोई गैरकानूनी लेन-देन नहीं किया गया है और मामले की अभी जांच चल रही है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘चार बड़ी आभूषण कंपनियां गीतांजलि, गिन्नी, नक्षत्र और नीरव मोदी जांच के घेरे में हैं। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय उनकी विभिन्न बैंकों से सांठगांठ और धन के अंतिम इस्तेमाल की जांच कर रहे हैं।’ इन कंपनियों से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।


PNB का मामला ‘नियंत्रण से बाहर’ नहीं- वित्त मंत्रालय 
वित्त मंत्रालय ने आज पीएनबी के 11360 करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज किया और कहा कहा कि यह मामला ‘नियंत्रण के बाहर’ नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जा रही है। वित्तीय सेवा विभाग में संयुक्त सचिव लोक रंजन ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह नियंत्रण से बाहर या इस समय कोई बड़ी चिंता की बात है।’’ वसूली के लिए यह मामला विधि प्रवर्तन एजेंसियों को भेज दिया गया है।  


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