किशोर बियानी की आर्थिक हालत खराब, मॉल बेचने की आई नौबत, ₹476 करोड़ का किया सेटलमेंट
punjabkesari.in Saturday, Apr 13, 2024 - 04:32 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारी कर्ज में डूबे फ्यूचर ग्रुप के चेयरमैन किशोर बियानी की आर्थिक हालत खराब है। कभी करोड़ों के मालिक किशोर बियानी को अब अपना मुंबई का सबसे पुराना मॉल भी बेचना पड़ गया है। किशोर बियानी कोरोना महामारी के समय से ही भारी संकट में फंस चुके हैं। कर्ज संकट से जूझ रहे फ्यूचर ग्रुप के मालिक किशोर बियानी को अपना मॉल बेचकर बकाए का भुगतान करना पड़ा है। फ्यूचर ग्रुप ने 476 करोड़ रुपए का वन टाइम सेटलमेंट किया है। कंपनी ने बंसी मॉल मैनेजमेंट कंपनी के लेडर्स को 571 करोड़ रुपए का बकाया दिया है। यह रकम लेंडर्स के लिए 83 फीसदी की बकाया वसूली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह डील K रहेजा कॉर्प की ओर से बीते सोमवार को हुई है। इसमें स्टांप ड्यूटी का भुगतान 28.56 करोड़ रुपए रहा। K रहेजा कॉर्प ने बैंकों को सीधे पेमेंट किया और इसके बदले में मॉल कंपनी को ट्रांसफर किया गया।
किशोर बियानी ने कर्जदाताओं का भुगतान करने के लिए सोबो मॉल को के. रहेजा कॉर्प को बेच दिया है। फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटर बियानी ने 571 करोड़ रुपए के बकाए का एकमुश्त निपटारा कर 476 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। लेनदारों को उनकी कुल राशि का 83% वापस मिल गया है।
सबसे पुराना मॉल हाथ से निकला
रिपोर्ट के मुताबिक, यह मॉल मुंबई का सबसे पुराना मॉल है। इसका मालिकाना हक बियानी परिवार के पास था लेकिन अब इसे K रहेजा कॉर्प ने खरीद लिया है। इसका नाम एसओबीओ सेंट्रल मॉल (SOBO Mall) है। पहले क्रॉसरोड्स के नाम से जाना जाने वाला, सोबो सेंट्रल देश का पहला मॉल है, जो 1990 के दशक के अंत में दक्षिण मुंबई के हाजी अली इलाके में खुला था। यह मॉल कोरोना के दौरान पूरी तरह से बंद हो चुका था। कोविड के बाद से ज्यादातर दुकानें बंद होने से इसे किराये पर देने के लिए कोई खरीदार नहीं मिल रहे हैं। इसकी वजह से मॉल को चलाने वाली कंपनी बंसी मॉल मैनेजमेंट पर 571 करोड़ रुपए का कर्जा हो गया, जिसके चलते मॉल को बेचना पड़ा है। इस मॉल में अभी भी 1.5 लाख वर्ग फुट एरिया लीज पर देने के लिए खाली है।
कर्ज में डूबे
मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में नए शॉपिंग मॉल्स के खुलने और कोरोना महामारी के कारण SOBO Central मॉल की हालत खस्ता होती गई। इसका करीब सारा रियल एस्टेट फ्यूचर ग्रुप की कंपनियों को दिया गया था जो मुश्किलों से गुजर रही हैं। कैनरा बैंक का कंपनी पर 131 करोड़ रुपए का बकाया है जबकि पीएनबी पर का बकाया 90 करोड़ रुपए है। पीएनबी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का फ्यूचर ब्रांड्स पर 350 करोड़ रुपए का बकाया है। बैंकों का फ्यूचर ग्रुप की कंपनियों पर 33,000 करोड़ रुपए का बकाया है।
ऐसे कंगाल हुए बियानी
किशोर बियानी का जन्म साल 9 अगस्त 1961 में मुंबई के एक कपड़ा व्यापारी के घर हुआ था। अपने फैमिली बिजनेस में उन्होंने काफी रुचि दिखाई। साल 1987 में कपड़े के बिजनेस को किशोर बियानी ने रेडीमेड कपड़ों की ओर मोड़ दिया। फ्यूचर ग्रुप ने बिग बाजार का पहला स्टोर साल 2001 में खोला था। साल 2006 तक ये बढ़कर 56 हुए और 2008 तक 116 हो गए। हालांकि, 2008 की मंदी का कंपनी पर बुरा असर पड़ा लेकिन कंपनी फिर भी आगे बढ़ती ही रही। हर साल नए स्टोर खुलते चले गए और साल 2019 तक कुल 295 स्टोर हो चुके थे। किशोर बियानी ने भारतीय मिडिल क्लास को एक ही छत के नीचे पूरा बाजार दे दिया। बिग बाजार को भारत का वॉलमार्ट भी कहा जाता है।