Iran Israel Conflict: बाजार से लेकर पेट्रोल तक, इजरायल-ईरान विवाद से भारत को कितना नुकसान?

punjabkesari.in Saturday, Jun 14, 2025 - 10:18 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर भारत सरकार सतर्क है लेकिन एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, इस संघर्ष का भारत की अर्थव्यवस्था पर फिलहाल कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यदि यह टकराव और अधिक बढ़ता है, तभी भारत को अधिक नुकसान हो सकता है। सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।

तेल, शेयर बाजार और रुपए पर दबाव संभव

एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी ने माना कि इस संघर्ष के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आ सकती है। इससे भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव, रुपए की कमजोरी और समुद्री मालवाहन खर्चों में वृद्धि देखी जा सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा स्थिति में इसका सटीक असर बताना कठिन है। वित्त मंत्रालय और अन्य संबंधित संस्थाएं बाजार पर लगातार नजर रख रही हैं।

भारत की अर्थव्यवस्था में स्थिरता

अधिकारी ने भरोसा जताया कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और ऐसे वैश्विक झटकों से निपटने में सक्षम है। उनका मानना है कि यदि कीमतों में कोई असर पड़ता भी है, तो वह अस्थायी होगा और दीर्घकालिक प्रभाव की संभावना कम है।

शेयर बाजार में गिरावट

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई, जो वैश्विक बाजारों में गिरावट के अनुरूप थी। इजरायल-ईरान तनाव के चलते निवेशकों में भय का माहौल था, जिसके कारण उन्होंने अपनी पूंजी बाजार से निकालनी शुरू कर दी।

सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में लगभग 0.7% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 0.6% कमजोर होकर 86.09 पर पहुंच गया, क्योंकि वैश्विक अनिश्चितता के बीच निवेशकों ने डॉलर जैसी सुरक्षित परिसंपत्तियों की ओर रुख किया।

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंका

इजरायल द्वारा ईरान पर हमले की खबर के बाद कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 12% की तेजी आई और यह 78.5 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। हालांकि, बाद में खबर आई कि इजरायल ने ईरान के तेल ठिकानों पर नहीं, बल्कि परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला किया था, जिससे कीमतें घटकर 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गईं।

इस बीच आशंका है कि यदि तनाव बढ़ता है और ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर देता है— जो कि विश्व तेल व्यापार का लगभग 20% हिस्सा है— तो वैश्विक आपूर्ति बाधित हो सकती है। इसका सीधा असर भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ सकता है और आयातित वस्तुओं की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है।
  
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News