2G घोटालाः वीडियोकॉन मांगेगी 10 हजार करोड़ रुपए का मुआवजा

punjabkesari.in Saturday, Dec 23, 2017 - 11:33 AM (IST)

नई दिल्लीः सीबीआई की विशेष कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम से जुड़े मामले में सभी आरोपी को बरी तो कर दिया है लेकिन सवाल यह है कि वर्ष 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने जिन कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए थे उनका क्या होगा। इनमें से कई कंपनियां भारत से अपना कारोबार समेट चुकी है। वीडियोकॉन को भी देश भर में 2जी की मोबाइल प्रौद्योगिकी का लाइसेंस मिला था। लेकिन 2जी मामले में अनियमितता के आरोप लगने के बाद सु्प्रीम कोर्ट ने फरवरी 2012 में सभी लाइसेंस रद्द कर दिए थे। सीबीआई अदालत द्वारा सभी आरोपरियों को बरी किए जाने के बाद वीडियोकॉन सरकार से 10,000 करोड़ रुपए मुआवजे का दावा करने का विचार कर रही है।

टीडीसैट के पास जा सकती है कंपनी
वीडियोकॉन दूरसंचार विवाद निपटान एवं अपीलीय पंचाट (टीडीसैट) के पास जा सकती है। इससे पहले 2015 में भी कंपनी ने टीडीसैट में याचिका दायर की थी। वीडियोकॉन के एक अधिकारी ने कहा, 'अदालत का फैसला हमारे उस दावे को मजबूती प्रदान करता है कि अपनी कोई गलती नहीं होने के बाद भी हमें खमियाजा भुगतना पड़ा।' मुआवजे की राशि में 5,449 करोड़ रुपए के नुकसान के साथ ही पूंजीगत व्यय, परिचालन खर्च, ब्याज एवं वित्तीय खर्च, रकम जुटाने का खर्च, परिचालन पूर्व व्यय, नेटवर्क परिचालन लागत आदि शामिल हैं। वीडियोकॉन और अन्य कंपनियां 2जी फैसले के उस हिस्से पर जोर दे सकती हैं, जिसमें सरकार की पहले आओ, पहले पाओ की नीति में स्पष्टता के अभाव को लेकर आलोचना की गई है। सु्प्रीम कोर्ट ने 2012 के अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि पहले आओ, पहले पाओ नीति को अपनाए जाने से न तो वीडियोकॉन को कोई लाभ हुआ और न ही वह लाइसेंस हासिल करने में किसी तरह की गड़बड़ी में लिप्त थी।

कंपनी पर पड़ा बुरा प्रभाव
सी.बी.आई. ने 2011 में अदालत को बताया था कि वीडियोकॉन के खिलाफ गड़बड़ी करने, आपराधिक या किसी अन्य मामले का कोई साक्ष्य नहीं है। इसी कारण सु्प्रीम कोर्ट ने वीडियोकॉन पर कोई जुर्माना भी नहीं लगाया था। 2008 में पहली बार लाइसेंस प्राप्त करने वाली वीडियोकॉन ने नेटवर्क स्थापित करने पर 9,353 करोड़ रुपए खर्च किए थे। लेकिन 2012 के आदेश के बाद उसे कारोबार बंद करना पड़ा और कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ी। नवंबर, 2012 में कंपनी एक बार फिर स्पेक्ट्रम की नीलामी में शामिल हुई और 6 सर्किलों के लिए स्पेक्ट्रम जीता। मई, 2016 में वीडियोकॉन अपने स्पेक्ट्रम भारती एयरटेल को 4,428 करोड़ रुपए में बेचकर दूरसंचार कारोबार से निकल गई। 


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