बजट से नाखुश बाजार, दो दिन में निवेशकों को लगा 5 लाख करोड़ रुपए का चूना

punjabkesari.in Monday, Jul 08, 2019 - 04:03 PM (IST)

नई दिल्‍लीः शेयर बाजार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण कालिक बजट रास नहीं आया। मार्केट फ्रेंडली बजट न होने से पिछले दो सत्रों में शेयर बाजार के निवेशकों को 5 लाख करोड़ रुपए का चूना लग चुका है। शुक्रवार को बीएसई लि‍स्‍टेड सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 153.58 लाख करोड़ रुपए था, जो सोमवार को सुबह 11:40 मिनट के आसपास घटकर 148.43 लाख करोड़ रुपए रह गया।

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शुक्रवार को 1 प्रतिशत टूटने के बाद बीएसई सेंसेक्‍स सोमवार को भारी बिकवाली के चलते और 2.29 प्रतिशत या 900 से अधिक अंक टूट गया। बाजार जानकारों का कहना है कि वृद्धि को आगे बढ़ाने में नाकाम रहे बजट की वजह से विदेशी निवेशक बिकवाली कर रहे हैं। सोमवार को दोपहर 2:26 बजे बीएसई सेंसेक्‍स 904.29 अंक या 2.29 प्रतिशत गिरकर 38612.65 अंक पर कारोबार कर रहा था। वहीं एनएसई निफ्टी 285.10 अंक या 2.41 प्रतिशत गिरकर 11,526.05 अंक पर कारोबार कर रहा था।

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सोमवार को दोपहर 1:40 पर बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्‍स 1.72 प्रतिशत या 678.21 अंक की गिरावट के साथ 38,835.18 अंक पर कारोबार कर रहा था। वहीं दूसरी ओर नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज का 50 शेयरों वाला सूचकांक निफ्टी 1.81 प्रतिशत या 213.60 अंक कमजोर होकर 11,597.55 अंक पर कारोबार करते देखा गया।

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3 साल के निचले स्‍तर पर ऑटो सेक्‍टर 
कारोबार के दौरान सबसे अधिक गिरावट ऑटो सेक्‍टर के शेयर में देखने को मिली। ऑटो सेक्‍टर के शेयर 3 साल के लो लेवल पर हैं। मारुति और हीरो मोटोकॉर्प में 5 फीसदी से अधिक की गिरावट देखने को मिली। बजाज आटो, यस बैंक, एलएंडटी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और ओएनजीसी सभी 2 फीसदी के करीब कमजोर दिख रहे हैं। आरआईएल में 1 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई।

गिरावट की क्‍या है वजह
शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट की सबसे बड़ी वजह आम बजट से निवेशकों की निराशा है। बाजार के जानकारों के मुताबिक बजट में घरेलू अर्थव्‍यवस्‍था को बूस्ट देने का कोई क्लीयर रोडमैप नहीं दिखा। निवेश को कैसे बूस्ट मिलेगा, इसको लेकर सरकार ने स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं की है। यही वजह है कि निवेशक निराश हैं।

इसके अलावा अमेरिका में जून महीने में जॉब डाटा बेहतर रहा है। जून में 2,24,000 नई नौकरियां दी गई हैं। यह जनवरी के बाद सबसे ज्यादा है। इसका मतलब यह हुआ कि यूएस में जॉब डाटा का प्रभाव पड़ा है। रुपए में कमजोरी की वजह से भी निवेशक सतर्क नजर आ रहे हैं।
 


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jyoti choudhary

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