अमेरिका के ऊंचे शुल्क से चीन की डंपिंग की संभावना, भारत को सावधान रहने की जरूरत
punjabkesari.in Friday, Sep 27, 2024 - 12:20 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः 27 सितंबर से अमेरिका द्वारा चीन के उत्पादों पर 7.5% से 100% तक के ऊंचे शुल्क लगाने के फैसले के बाद भारत के सामने चीन से बड़े पैमाने पर उत्पादों की डंपिंग का खतरा मंडरा रहा है। चीन के सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन, लिथियम-आयन बैटरी, सीरिंज और इस्पात जैसे उत्पादों पर लगाए गए इन ऊंचे शुल्कों से चीन को अमेरिकी बाजार में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। अब आशंका जताई जा रही है कि चीन अपने अतिरिक्त उत्पादों को भारत जैसे बाजारों में निर्यात कर सकता है, जिससे भारतीय उद्योगों पर दबाव बढ़ सकता है।
भारतीय उद्योगों पर बढ़ सकता है दबाव
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन के उत्पादों की इस डंपिंग से भारतीय उद्योगों, खासकर स्टील और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने सुझाव दिया है कि भारत को अपने उद्योगों की सुरक्षा के लिए त्वरित कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को वाणिज्य विभाग के तहत एक 'वार रूम' स्थापित करना चाहिए, जो इन उत्पादों के आयात पर नजर रख सके और समय पर हस्तक्षेप कर सके। इससे घरेलू उद्योगों को चीन की डंपिंग से बचाने में मदद मिलेगी।
भारतीय स्टील उद्योग के सामने खतरा
भारतीय स्टील संघ के महासचिव आलोक सहाय ने बताया कि पिछले साल चीन से भारत में स्टील का आयात 91% बढ़ गया था और इस साल भी इसमें तेजी आई है। चीन, अपने निर्यात बाजारों पर बंदिशों के कारण, भारत जैसे देशों में स्टील डंप कर रहा है। हालांकि, डंपिंग-रोधी शुल्क लगाने की प्रक्रिया लंबी होने के कारण भारतीय उद्योगों को तुरंत राहत मिल पाना मुश्किल है।
आयात-निर्यात का असंतुलनअग
स्त 2024 के आयात-निर्यात आंकड़ों के अनुसार, चीन को भारत से होने वाला निर्यात 22.44% घटकर 1 अरब डॉलर रह गया, जबकि चीन से आयात 15.5% बढ़कर 10.8 अरब डॉलर हो गया। यह व्यापार असंतुलन भारत के लिए चिंता का विषय है।
सौर और इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग पर प्रभाव
अमेरिकी नीति का असर भारत के सोलर पैनल और ईवी उद्योग पर भी पड़ सकता है। सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी रिसर्च के सीईओ डी धनुराज ने कहा कि अमेरिका द्वारा ईवी और सोलर पैनलों पर शुल्क बढ़ाने से भारत और अन्य विकासशील देशों को कोई बड़ा फायदा नहीं होगा। हालांकि, इंडियन सोलर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी सहगल ने बताया कि भारत में सोलर पैनल डंपिंग रोकने के लिए सरकार ने कड़े नियम लागू किए हैं, जिनके कारण चीन अपने पैनल भारत में आसानी से नहीं बेच सकता।
भारत को इस खतरे से निपटने के लिए अपने डंपिंग-रोधी नियमों को और सशक्त करने की आवश्यकता होगी।