टाटा के हाथों में एयर इंडिया सौंपने में हो सकती है देर

punjabkesari.in Monday, Dec 27, 2021 - 02:17 PM (IST)

नई दिल्लीः एयर इंडिया की कमान टाटा संस को सौंपने का लक्ष्य दिसंबर में पूरा होना संभव नहीं दिख रहा है क्योंकि लंबित मंजूरियों और प्रक्रियाओं के कारण इसमें थोड़ी देरी हो सकती है। एक अधिकारी ने कहा कि पूर्व निर्धारित शर्तें अभी पूर्ण रूप से पूरी नहीं हुई हैं, उसे बाद लॉन्ग स्टॉप तिथि तय की जाएगी। केंद्र ने दिसंबर अंत तक टाटा के हाथों में एयर इंडिया की कमान सौंपने का लक्ष्य रखा है। लॉन्ग स्टॉप तिथि वह समयसीमा होती है जिसके दौरान क्रेता और विक्रेता दोनों पक्ष सौदे को पूरा करने की सभी शर्तों को पूरा करने पर सहमत होते हैं। यह अवधि सौदे के क्रियान्वयन से लेकर आम तौर पर 45 दिन की होती है और दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति से इसे आगे बढ़ाया जा सकता है।

अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश की प्रगति की समीक्षा के लिए सोमवार को बैठक होगी जिसके बाद एयर इंडिया को टाटा के हाथों में देने और लॉन्ग स्टॉप तिथि के बारे में स्पष्टता आ सकती है। बैठक में निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) और नागर विमानन मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे। लॉन्ग स्टॉप तिथि पर स्पष्टता के बाद उस तारीख को टाटा के साथ समझौते में वित्तीय विवरण तैयार किया जाएगा।

उक्त अधिकारी ने कहा कि राष्टीय विमानन कंपनी को टाटा संस को सौंपने के लिए सौदा पूरा करने से पहले वैश्विक प्रतिस्पर्धा नियामकों से भी मंजूरी लेनी होगी। 20 दिसंबर को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इस सौदे को मंजूरी दी थी।

अक्टूबर में सरकार ने टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई टेलेस द्वारा एयर इंडिया को खरीदने की बोली को स्वीकार की थी। उसने 2,700 करोड़ रुपए नकद भुगतान करने और एयर इंडिया के 15,300 करोड़ रुपए कर्ज अपने खाते में लेने की पेशकश की थी। दस सौदे में एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की 100 फीसदी चुकता शेयर पूंजी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेस की 50 फीसदी हिस्सेदारी शामिल है।

31 अगस्त को एयर इंडिया का कुल कर्ज 61,562 करोड़ रुपए था। टाटा संस को कंपनी बेचने से पहले इसका करीब 75 फीसदी कर्ज या 46,262 करोड़ रुपए विशेष उद्देश्यीय इकाई एयर इंडिया ऐसेट होल्डिंग में हस्तांतरित किया जाएगा। सौदे में गैर-मुख्य संपत्तियां जैसे कि जमीन, इमारत आदि शामिल नहीं हैं, जिनकी कीमत करीब 14,718 करोड़ रुपए है। इसे एयर इंडिया के कर्ज को चुकाने में इस्तेमाल किया जाएगा।


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Content Writer

jyoti choudhary

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