कोरोना से Economy को लगा बड़ा झटका, सरकार का 2020-21 का बजट तय दायरे से निकला बाहर

punjabkesari.in Wednesday, Apr 15, 2020 - 11:21 AM (IST)

नयी दिल्ली: पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने मंगलवार को कहा कि सरकार का 2020-21 का बजट तय दायरे से बाहर निकलना शुरू हो गया है। कोरोना वायरस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है और सरकार को इस वित्त वर्ष में करीब 3 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यय मांग का सामना करना पड़ सकता है। ब्लॉग पोस्ट में गर्ग ने कहा कि राज्य सरकारों को वित्त के मोर्चे पर ज्यादा झटका लगा है। वे अब समर्थन के लिये पैकेज मांग रहे हैं और सरकार को देर-सबेर इन मांगों को पूरा करना होगा।  

उन्होंने कहा, ‘जब वित्त वर्ष शुरू ही हुआ है केंद्र सरकार का 2020-21 का बजट बिगड़ना शुरू हो गया है। कोरोना वायरस महामारी ने लोगों, अर्थव्यवस्था तथा बजट को बड़ा झटका दिया है।’ गर्ग ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2020-21 के लिये सरकार को करीब 3 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय मांग का सामना करना पड़ सकता है।’  केंद्र सरकार का 2020-21 के लिये बजट व्यय 30.42 लाख करोड़ रुपये है। रुपये की विनिमय दर 75 रुपये डॉलर के हिसाब से यह 400 अरब डॉलर से थोड़ा अधिक बैठता है।

उन्होंने कहा कि कंपनियों खासकर असंगठित क्षेत्र के छोटे कारोबारियों तथा ‘लॉकडाउन’ (बंद) के कारण रोजगार से हाथ धोने वाले लाखों कामगारों के लिये और प्रोत्साहन उपायों की मांग जोर पकड़ेगी। एक तरफ व्यय बढ़ने और दूसरी तरफ राजस्व संग्रह में कमी से सरकार का राजकोषीय घाटा तेजी से बढ़ेगा।

पूर्व वित्त सचिव ने कहा कि राजस्व संग्रह पर बुरा असर पड़ा है। पेट्रोलियम उत्पादों की मांग लगभग ठप है। इससे सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क से होने वाले राजस्व पर असर पड़ेगा। उन्होने यह भी कहा विनिवेश कार्यक्रम रूक गया है। वहीं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के लाभ पर असर पड़ेगा। इससे गैर-कर राजस्व प्रभावित होगा। गर्ग ने कहा कि स्थिति को देखते हुए सालाना बजट का करीब 30 प्रतिशत खर्च पहली तिमाही में ही होने का अनुमान है। उन्होंने गैर-जरूरी खर्चों पर कटौती के वित्त मंत्रालय के निर्णय का उल्लेख करते हुए कहा कि आठ अप्रैल का आदेश कागज पर बना रह सकता है।
 


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Author

rajesh kumar

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