इतिहास की सबसे बड़ी बैंकिंग चूक टली, ग्राहक के अकाउंट में जमा किए $81 ट्रिलियन और फिर...
punjabkesari.in Saturday, Mar 01, 2025 - 03:38 PM (IST)
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बिजनेस डेस्कः दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में से एक सिटीग्रुप ने एक बड़ी गलती की, जो अगर समय रहते न पकड़ी जाती, तो इतिहास की सबसे बड़ी बैंकिंग चूक बन सकती थी। बैंक ने $280 भेजने की जगह गलती से $81 ट्रिलियन (67.31 लाख अरब रुपए) एक ग्राहक के खाते में जमा कर दिए। यह राशि भारत की 2024 की अनुमानित GDP ($3.7 ट्रिलियन) से 22 गुना ज्यादा है।
हालांकि, गनीमत रही कि बैंक के एक कर्मचारी ने यह गलती कुछ ही घंटों में पकड़ ली और भुगतान रद्द कर दिया गया। जिस ग्राहक के खाते में यह रकम जमा हुई थी, उसने अपने अकाउंट से कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया।
कैसे हुई इतनी बड़ी गलती?
यह मामला अप्रैल 2024 का है, जब सिटीग्रुप के एक कर्मचारी ने गलती से भारी-भरकम रकम ग्राहक के खाते में ट्रांसफर कर दी। हैरानी की बात यह रही कि यह लेनदेन एक अधिकारी द्वारा दोबारा चेक किया गया लेकिन फिर भी गलती नहीं पकड़ी गई। अगले दिन जब यह भुगतान प्रोसेस होने वाला था, तब 90 मिनट पहले एक अन्य कर्मचारी ने इसे पकड़ लिया और तुरंत रोकने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
बैंक ने क्या सफाई दी?
एक रिपोर्ट के अनुसार, सिटीग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "इतनी बड़ी रकम का भुगतान संभव नहीं था लेकिन हमारी सुरक्षा प्रणाली ने इस इनपुट त्रुटि को पकड़ लिया और सही कर दिया। हमारे पास पहले से ऐसे सिस्टम मौजूद हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि बैंक से कोई धनराशि गलत तरीके से बाहर न जाए।"
पहले भी कर चुका है ऐसी गलतियां
यह पहली बार नहीं है जब सिटीग्रुप इस तरह की गलतियों के कारण सुर्खियों में आया है।
- 2023 में, बैंक ने $1 बिलियन या उससे अधिक की 10 बड़ी गलतियां की थीं।
- 2022 में, ऐसी 13 गलतियां रिकॉर्ड की गई थीं।
- 2020 में, बैंक को अमेरिकी नियामकों द्वारा $400 मिलियन का जुर्माना भरना पड़ा था।
- 2023 में, सिटीग्रुप पर फिर से $136 मिलियन का जुर्माना लगाया गया, क्योंकि वह ऐसी गलतियों को रोकने में नाकाम रहा था।
क्या बैंकिंग प्रणाली में सुधार की जरूरत है?
इस घटना ने बैंकिंग क्षेत्र में सुरक्षा और सतर्कता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर यह गलती समय रहते नहीं पकड़ी जाती, तो यह दुनिया की सबसे बड़ी बैंकिंग गलतियों में से एक बन सकती थी। सिटीग्रुप के सीईओ जेन फ्रेजर, जिन्होंने 2021 में पदभार संभाला था, का कहना है कि बैंक की नियामक समस्याओं को ठीक करना उनकी शीर्ष प्राथमिकता है।