कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए Tech Mahindra ने खोजी दवा! पेटेंट के लिए कर रही आवेदन
punjabkesari.in Monday, May 03, 2021 - 10:51 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः आईटी कंपनी टेक महिंद्रा की रिसर्च एंड डेवलपमेंट यूनिट मार्कर्स लैब ने दावा किया है कि कंपनी रीजीन बायोसाइंसेस (Reagene Biosciences) के साथ मिलकर कोरोना वायरस को खत्म करने वाली दवा बना रही है। ये दोनों कंपनियां इस ड्रग मॉलिक्यूल के पेटेंट के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर रही हैं। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। मार्कर्स लैब के वैश्विक प्रमुख निखिल मल्होत्रा ने बताया कि कंपनी रीजीन बायोसाइंसेस के साथ मिलकर इस मॉलिक्यूल के पेटेंट के लिए आवेदन कर रही है। हालांकि, मल्होत्रा ने इस मॉलिक्यूल का नाम बताने से इनकार कर दिया।
इस तरह खोज हुई मॉलिक्यूल की
मल्होत्रा ने कहा कि ड्रग मॉलिक्यूल के पेटेंट की प्रक्रिया पूरी होने तक इसके बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। दरअसल, टेक महिंद्रा और रीजीन बॉयोसाइंसेज शोध प्रक्रिया में हैं। मार्कर्स लैब ने कोरोना वायरस की कंप्यूटेशनल मॉडलिंग एनालिसिस शुरू की है। इसके आधार पर टेक महिंद्रा और रीजीन ने एफडीए की अप्रूव्ड 8 हजार दवाइयों में से 10 ड्रग मॉलिक्यूल को शॉर्टलिस्ट किया। टेक्नोलॉजी की मदद से इन 10 दवाइयों को शॉर्टलिस्ट कर तीन दवाइयों को चुना गया। इसके बाद एक 3डी फेफड़ा बनाया गया, जिस पर परीक्षण किया गया। परीक्षण में पाया गया कि मॉलिक्यूल उम्मीद के मुताबिक काम कर रहा है। टेक महिंद्रा ने पूरी प्रक्रिया में कंप्यूटेशनशल एनालिसिस और रीजीन ने क्लीनिकल एनालिसिस किया है।
निखिल मल्होत्रा के मुताबिक ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और दूसरी कंप्यूटेशनल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से दवाइयों की खोज में लगने वाले समय को कम किया जा सकता है। दुनिया भर में कई दवाइयों पर परीक्षण चल रहा है लेकिन कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अभी लोग सिर्फ वैक्सीन के भरोसे ही हैं। भारत सरकार ने कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए मरीजों की स्थिति के मुताबिक रेमडेसिविर (Remdesivir) और टोसिलिजुमैब के प्रयोग को मंजूरी दी है। हालांकि, इनकी भी मांग के मुकाबले आपूर्ति नहीं होने के कारण कमी महसूस की जा रही है। टोसिलिजुनैब की कमी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश को इसकी महज 150 डोज ही उपलब्ध कराई जा सकी हैं।