पार्श्वनाथ बिल्डर्स को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका

punjabkesari.in Friday, Sep 16, 2016 - 02:27 PM (IST)

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने पाश्र्वनाथ बिल्डवेल प्रा. लि. को अपनी गाजियाबाद परियोजना के खरीदारों को आवास उपलब्ध कराने में देरी के लिए अल्पकालिक सावधि जमा के रूप में 12 करोड़ रुपए 4 सप्ताह के भीतर जमा करने का आज निर्देश दिया। न्यायाधीश दीपक मिश्र और न्यायाधीश सी नगप्पन की पीठ ने 70 मकान खरीदारों के वकील से यह पूछा कि क्या वे कंपनी द्वारा प्रस्तावित समयसीमा दिसंबर 2017 तक फ्लैट देने तथा तब तक मासिक किराए के लिए सहमत हैं। इससे पहले, मकान खरीदार राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एन.सी.डी.आर.सी.) गए थे।  


पीठ ने कहा, ‘‘हम अपीलकर्ता को 4 सप्ताह के भीतर इस अदालत की रजिस्ट्री के पास 12 करोड़ रुपए जमा करने का निर्देश देते हैं। यह राशि उच्चतम न्यायालय परिसर, नई दिल्ली स्थित यूको बैंक में ब्याज प्राप्ति वाले अल्पकालिक सावधि जमा के रूप में जमा की जाएगी।’’ कंपनी की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जी.डी.ए.) योजना को फिर से मंजूरी देता है तो इमारत दिसंबर 2017 तक पूरी की जा सकती है। पीठ ने इस दलील से असहमति जताते हुए कहा कि मौजूदा कानूनी विवाद का कंपनी द्वारा जी.डी.ए. के पास जमा की गई योजना को फिर से प्रमाणित करने से कोई लेना-देना नहीं है। न्यायालय ने कहा कि यह सब अलग मामला है। 


कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर कंपनी को योजना की फिर से पुष्टि हो जाती है तो वह परियोजना का निर्माण कर सकती है और खरीदारों को मकान दे सकती है और तब तक वह उसके बराबर प्रत्येक जमाकर्ताओं को किराए का भुगतान करेगी। याचिकाकर्ता की तरफ से पेश अधिवक्ता एम एल लाहोटी ने कहा कि जी.डी.ए. ने कंपनी को परियोजना के लिए जो मंजूरी दी थी, उसे रद्द कर दिया है। पीठ ने लाहोटी से कहा कि वह मकान खरीदारों से पूछकर बताए कि क्या वे मकान लेने के लिए दिसंबर 2017 की समय सीमा, किराया और जमा पर इस दौरान मिलने वाले प्राप्त ब्याज से सहमत हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 अक्तूबर की तारीख तय की गई।


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