चीनी मिलों के 15,000 करोड़ रुपए के सस्ते ऋण की वापसी पर छह महीने की और छूट
punjabkesari.in Wednesday, Nov 13, 2019 - 06:39 PM (IST)
नई दिल्लीः चीनी मिलों को कुछ और राहत देते हुए सरकार ने उन्हें दिए जा रहे 15,000 करोड़ रुपए की सस्ती ऋण योजना के तहत ऋण वापसी पर लगाई गई रोक की समयसीमा छह महीने और बढ़ा दी है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। अब, चीनी मिलें लिए गए कर्ज की वापसी की शुरुआत डेढ़ वर्ष के बाद कर सकतीं हैं। ऋण वापसी पर रोक अवधि वह समयसीमा होती है जिसके भीतर कर्ज लेने वाली पार्टी को कर्ज चुकाने की छूट होती है। इस अवधि के बीत जाने के बाद ही कर्ज की वापसी शुरू होगी।
केंद्र सरकार ने चीनी मिलों के लिए दो किश्तों में सस्ते ऋण पैकेज की घोषणा की-पहली जून 2018 में 4,440 करोड़ रुपए की और दूसरी मार्च 2019 में 10,540 करोड़ रुपए की। चीनी मिलों को यह ऋण गन्ना बकाए का भुगतान करने और अधिशेष चीनी को एथनॉल उत्पादन के लिए स्थानांतरित करने के लिए दिया गया था। एक उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा, ‘‘जब देश में एथनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए सस्ती ब्याज दर वाली ऋण योजना शुरू की गई थी, तो ऋण अदायगी से एक साल की छूट दी गई थी। अब चीनी मिलों और किसानों के हित में इस छूट की अवधि को बढ़ाकर डेढ़ साल कर दिया गया है।'' सूत्र ने बताया कि इस संबंध में एक अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी।
सरकारी आंकडों के अनुसार ऋण के लिए आए 418 आवेदनों में से खाद्य मंत्रालय ने 282 को पात्र पाया है। इसमें से 6,139.08 करोड़ रुपए के ऋण के लिए 114 आवेदनों को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि बैंकों ने 45 आवेदकों को ऋण मंजूर किया है और सितंबर अंत तक 33 आवेदकों को 900 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। चीनी उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, इस योजना के तहत घोषित 15,000 करोड़ रुपए की कुल आसान ब्याजदर वाली ऋण राशि का केवल 5-6 प्रतिशत ही बैंकों द्वारा वितरित किया गया है। चीनी उद्योग का विचार है कि मंत्रालय स्तर पर पहली स्क्रीनिंग में बहुत समय बर्बाद हो रहा है।