सितंबर में Service सैक्टर की गतिविधियों में दर्ज हुर्इ वृद्धि, मिले सुधार के संकेत

punjabkesari.in Thursday, Oct 05, 2017 - 01:54 PM (IST)

मुंबईः वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) लागू होने के बाद लगातार 2 माह गिरावट में रहा देश का सेवा क्षेत्र नए ऑर्डरों मिलने से सितंबर में इससे उबर गया। माह में निक्की इंडिया पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पी.एम.आई.) 3.2 प्रतिशत के उछाल के साथ 50.7 पर पहुंच गया। अगस्त में पी.एम.आई. 47.5 और जुलाई में 45.9 रहा था। निक्की हर महीने माह दर माह वृद्धि दर के आँकड़े जारी करता है। सूचकांक का 50 से ऊपर होना बढ़ोतरी को और इससे नीचे रहना गिरावट को दर्शाता है जबकि 50 का स्तर स्थिरता का है और गत तीन माह में पहली बार सूचकांक 50 से उपर पहुंचा है।

GST के कारण सेवा क्षेत्र की रही गतिविधियां सुस्त
निक्की की रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा के बाद पहली बार जून में सेवा क्षेत्र में इतनी तेज वृद्धि हुई थी। जुलाई से जीएसटी के लागू होने से बढ़ी कीमतों के कारण मांग में आई कमी से सेवा क्षेत्र की गतिविधियों सुस्त पड़ गयीं और नए कारोबार का सूचकांक भी करीब चार साल के निचले स्तर 45.2 पर आ गया जबकि जून में यह 53.3 रहा था। अगस्त में भी जी.एस.टी. को लेकर जारी दुविधा के कारण सेवा क्षेत्र की गतिविधियां सुस्त रही थीं। 

ये रहे सबसे अधिक सर्विस वाले क्षेत्र 
विपणन अभियानों और घरेलू मांग की मजबूती से सितंबर माह में कारोबार बढ़ा। यह बढोतरी मामूली है लेकिन जून के बाद पहली बार है। नए आर्डर आने से बढ़े काम के दबाव के कारण तथा आर्थिक माहौल में सुधार से गत 75 माह यानी अक्टूबर 2012 के बाद सबसे तेजी से रोजगार का सृजन हुआ है। सबसे अधिक रोजगार सृजन परिवहन एवं भंडारण तथा कंज्यूमर सर्विस क्षेत्र में हुआ। सेवा प्रदाताओं के लिए लागत मूल्य सितंबर में भी बढोतरी पर रहा। रिपोर्ट तैयार करने वालों के अनुसार ईंधन ,सब्जियों तथा स्टेशनरी सामानों की बढ़ी कीमतों की वजह से ऐसा हुआ है। गत मार्च के बाद महंगाई दर सबसे तेजी से बढ़ी है।
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सेवा प्रदाताओं ने लागत मूल्य में बढोतरी का हवाला देते हुए लगातार 8वें महीने सितंबर में उत्पाद की कीमतें बढ़ायी हैं। सेवा प्रदाता आर्थिक परिस्थतियों में सुधार के अनुमान और योजनाबद्ध निवेश को लेकर अगले साल विकास की संभावनाओं को लेकर आशान्वित हैं। रिपोर्ट की लेखिका और आई.एच.एस. मार्कीट की अर्थशास्त्री आशना डोढिया ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत के निजी क्षेत्र को जीएटी लागू होने के बाद वापस पटरी पर आने में थोड़ी कामयाबी मिल गई है । सेवा क्षेत्र में नये आर्डर आने और उत्पाद में विस्तार से गतिविधियां तेज हुई है।
 


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