15वें वित्त आयोग के नियम शर्तों में गंभीर दोष: चिदंबरम

punjabkesari.in Tuesday, Apr 10, 2018 - 07:20 PM (IST)

नई दिल्लीः वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने आज कहा कि 15वें वित्त आयोग के गठन की नियम शर्तेां में ‘‘गंभीर खामियां’’ हैं और इनका अच्छा काम कर रहे राज्यों पर प्रतिकूल प्रभाव होगा। चिदंबरम का यह बयान ऐसे समय आया है जब दक्षिणी राज्यों के वित्त मंत्रियों की आज इसी मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए तिरुवनंतपुरम में बैठक हुई। दक्षिणी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने 15 वें वित्त आयोग के गठन संबंधी नियम शर्तेां को लेकर चिंता जताई है।

पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट पर कहा, ‘दक्षिणी राज्यों के वित्त मंत्रियों की आज बैठक। 15वें वित्त आयोग की नियम शर्तेां में गंभीर खामियां।’ केरल के वित्त मंत्री टी एम थॉमस इस्साक ने कहा है कि 15वें वित्त आयोग के गठन के समय जो नियम कायदे रखे गए हैं उससे दक्षिण भारत के राज्यों पर बुरा प्रभाव होगा। दक्षिणी राज्यों के वित्त मंत्रियों के सम्मेलन में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। इस मुद्दे को एक राष्ट्रीय एजेंडा बनाया जाएगा।

चिदंबरम ने इससे पहले कहा था कि केन्द्र सरकार ने ‘आग सुलगा दी है।’ यह आग केन्द्र तक पहुंचे इससे पहले इसे बुझा दिया जाना चाहिए। उन्होंने तब कहा था कि बेहतर राजकाज और बेहतर प्रदर्शन वाले राज्यों को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है। वह अपने हिस्से का बड़ा राजस्व हिस्सा खो चुके हैं। पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री का कहना है कि वित्त आयोग केवल 2011 की जनगणना के आंकड़ों को आधार बना रहा है और उसने 1971 के आंकड़ों को पूरी तरह छोड़ दिया है। इसके विपरीत 14वें वित्त आयोग ने केवल थोड़ा परिवर्तन किया था। उन्होंने 1971 की जनसंख्या के आंकड़ों का भारांक 25 प्रतिशत से घटा कर 17.5 प्रतिशत कर दिया था और 2011 के जनगणना के आंकड़ों को 10 प्रतिशत भारांक दिया था।  


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jyoti choudhary

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