निवेशकों की सतर्कता के बीच चढ़े बाजार

punjabkesari.in Wednesday, Aug 24, 2016 - 04:48 PM (IST)

मुंबईः अमरीकी फेडरल रिजर्व की बैठक के मद्देनजर विदेशी निवेशकों की सतर्कता के बीच घरेलू निवेशकों की लिवाली के बल पर शेयर बाजार में आज भी बढ़त का रूख बना रहा। बी.एस.ई. का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सैंसेक्स पिछले दिवस के 27990.21 अंक से 69.73 अंक अर्थात् 0.25 फीसदी मजबूत होकर 28059.94 अंक पर और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 17.70 अंक यानी 0.21 चढ़कर 8650.30 अंक पर रहा। बड़ी कंपनियों के साथ ही छोटी और मझौली कंपनियों में भी लिवाली का जोर देखा गया जिससे  बी.एस.ई. का मिडकैप 0.61 प्रतिशत बढकर 13023.88 अंक पर तथा स्मॉलकैप 0.65 फीसदी मजबूत होकर 12515.13 अंक पर पहुंच गया।  

 

अमरीका फेडरल रिजर्व की शुक्रवार को होने वाली बैठक में उसके प्रमुख अध्यक्ष जेनेट येलेन के ब्याज दरों पर बयान देने की संभावनाओं को लेकर निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं और इस वजह से अधिकांश विदेशी बाजार लाल निशान में रहे। एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग 0.77 फीसदी, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.30 फीसदी तथा चीन का शंघाई कंपोजिट 0.13 फीसदी गिर गए। जापान का निक्की हालांकि 0.61 प्रतिशत हो गया। यूरोपीय बाजारों में ब्रिटेन का एफटीएसई 0.22 प्रतिशत गिर गया। 

 

बी.एस.ई. में कुल 2913 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ जिसमें 1539 बढ़त में तथा 1173 नुकसान में रही। 201 कंपनियों के शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। सैंसेक्स शुरूआती कारोबार में पिछले दिवस के 27990.21 अंक के मुकाबले करीब 75 अंक मजबूत होकर हरे निशान में 28065.25 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान विदेशी बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों के कारण यह लुढ़ककर 27959.87 अंक के दिवस के निचले स्तर पर आ गया। बाद में लिवाली होने से यह दिवस के उच्चतम स्तर 28108.39 अंक पर पहुंच गया और अंतत: 69.73 अंक की बढ़त लेकर 28059.94 अंक पर बंद हुआ। 

 

एन.एस.ई. का निफ्टी भी पिछले दिवस के 8632.60 अंक के मुकाबले तेजी के साथ 8648.50 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह 8620.90 अंक के दिवस के निचले स्तर तथा 8661.05 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर को छूता हुआ अंतत: 17.70 अंक की बढ़त लेकर 8650.30 अंक पर बंद हुआ। अधिकांश समूहों में लिवाली होने से सैंसेक्स को समर्थन मिला है। इसके अलावा अरबिंदो फार्मा के शेयरों में 7 प्रतिशत तक की तेजी आने से भी सकारात्मक असर पड़ा। हालांकि निवेशकों की सतर्कता ने बाजार की तेजी पर नकारात्मक प्रभाव डाला। इसके अलावा विदेशी बाजारों के लाल निशान में रहने का भी नकारात्मक असर हुआ है। 

 


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