साल 2016: पांच घटनाएं जिन्होंने मार्कीट को दिया जोर का झटका

punjabkesari.in Wednesday, Dec 21, 2016 - 01:24 PM (IST)

नई दिल्लीः साल 2016 में कई बार बाजार तेजी से ऊपर चढ़ा तो कई बार उसे जोर का झटका लगा। आज हम आपको ऐसी ही 5 घटनाओं के बारे में बता रहे हैं जिनसे मार्कीट में भारी गिरावट दर्ज की गई। 

भारत-मॉरिशस कर समझौता
भारत और मॉरिशस के बीच दोहरे कराधान से बचाव की संधि में संशोधन से जुड़ा समझौता हो गया। इस समझौते के बाद किसी भारतीय स्थानीय कंपनी के शेयरों की बिक्री पर 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2019 के बीच लागू कैपिटल गेन्स टैक्स की दर के 50 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाएगा। इस संधि के बाद 11 मई को सैंसेक्स में 175 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

रघुराम राजन
18 जून को भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने उस समय सभी को चौंका दिया जब उन्होंने ऐलान किया कि वह गवर्नर के दौर पर दूसरा कार्यकाल नहीं चाहते। राजन के इस ऐलान के बाद हालांकि सैंसेक्स पर कोई नकारात्मक असर देखने को नहीं मिला। राजन ने लेकिन जब आधिकारिक तौर पर अपना पद छोड़ा (23 सितंबर) तो सैंसेक्स में 374 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।

सर्जिकल स्ट्राइक
सितंबर में उड़ी में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को सख्त संदेश देने के लिए भारतीय सेना ने 29 सितंबर को एलओसी पार स्थित टेरर लांच पेड पर सर्जिकल स्ट्राइक कर उन्हें नष्ट कर दिया। पहली बार केंद्र सरकार ने इस तरह की कार्रवाई को सार्वजनिक किया। खबर आने के कुछ ही मिनट में सैंसेक्स 500 अंकों तक गिर गया। यहां तक की पाकिस्तान के भी शेयर बाजार में 500 से अधिक की गिरवाट दर्ज की गई।

साइरस मिस्त्री की टाटा संस से अचानक बेदखली
टाटा समूह ने 24 अक्तूबर को अचानक साइरस मिस्त्री को समूह के चेयरमैन पर से तत्काल प्रभाव से हटा दिया इससे कॉर्पोरेट दुनिया को बड़ा झटका लगा। इस घटना के बाद टाटा समूह के शेयर लाल निशान पर बंद हुए। इसके बाद 25 अक्तूबर से समूह के शेयरों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। टाटा स्टील के शेयरों में 2.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई जबिक टी.सी.एस. और टाटा मोटर्स में 1 फीसदी की गिराववट दर्ज की गई।

नोटबंदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को ऐसी घोषणा की जिससे हर एक भारतीय प्रभावित हुआ। उन्होंने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद कर दिए। इस फैसले का बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा। नोटबंदी के बाद से बाजार लड़खड़ा रहा है। देश से कालाधन खत्म करने के लिए मोदी सरकार के इस फैसले से बाजार को बहुत बड़ा झटका लगा। इसके बाद से विदेशी निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखी गई। 9 नवंबर के बाद से सैंसेक्स अभी तक 4 फीसदी तक गिर चुका है। 


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