सेबी ने KYC के जरिए केवाईसी सत्यापन को सरल बनाया

punjabkesari.in Wednesday, May 15, 2024 - 04:19 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों (केआरए) के माध्यम से ‘अपने ग्राहक को जानिए' (केवाईसी) रिकॉर्ड के सत्यापन के लिए जोखिम प्रबंधन ढांचे को सरल बनाने का फैसला किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से निवेशकों के लिए लेनदेन में सुगमता सुनिश्चित की जा सकेगी। सेबी ने मंगलवार को जोखिम प्रबंधन प्रारूप को आसान बनाने से संबंधित आदेश जारी किया। नियामक ने दिशानिर्देश को आसान बनाते हुए अक्टूबर, 2023 के अपने परिपत्र में संशोधन किया है। पिछले साल अक्टूबर में सत्यापन प्रक्रिया में एक बदलाव किया गया था जिससे राशन कार्ड, बिजली बिल या स्कैन किए गए आधार कार्ड जैसे पते के प्रमाण अमान्य हो गए थे।

नए आदेश के तहत केआरए को केवाईसी रिकॉर्ड प्राप्त होने के दो दिन के भीतर ग्राहक रिकॉर्ड के ब्योरे को सत्यापित करने की जरूरत होती है जिसमें स्थायी खाता संख्या (पैन), नाम और पता शामिल है। ऑनलाइन पहचान सत्यापन सेवा फर्म साइनजी के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंकित रतन ने कहा, ‘‘नए ढांचे के तहत अब केआरए आधिकारिक डेटाबेस से पैन, नाम, पता, ईमेल और मोबाइल नंबर का सत्यापन कर सकते हैं। यदि ये विवरण सही पाए जाते हैं, तो उन्हें सत्यापित रिकॉर्ड माना जाएगा।'' 

संशोधित दिशानिर्देशों के तहत एक्सचेंजों, डिपॉजिटरी और संबंधित मध्यवर्ती इकाइयों को मई के अंत तक अपनी प्रणाली में जरूरी तकनीकी बदलाव करने का काम सौंपा गया है। म्यूचुअल फंड कंपनियों, ब्रोकिंग फर्म और पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा प्रदाताओं को निवेशक डेटा गोपनीयता और सुरक्षा के लिए मजबूत अनुपालन उपकरण और जोखिम प्रबंधन ढांचे को लागू करना होगा। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि पहचान सत्यापन के बाद सभी निवेशक शामिल हो जाएं। 

केवाईसी पंजीकरण एजेंसियों के दायरे में सीएएमएस केआरए, बीएसई केआरए, एनएसई केआरए जैसी संस्थाएं आती हैं। ये एजेंसियां ब्रोकर, एक्सचेंज और मध्यस्थों से जुटाई जानकारी के आधार पर व्यक्तियों के केवाईसी विवरण रखने के लिए जिम्मेदार हैं। आनंद राठी वेल्थ के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी फिरोज अजीज ने कहा, ‘‘आधिकारिक डेटाबेस (पैन, आधार एक्सएमएल, डिजिलॉकर या एम-आधार पर आयकर विभाग डेटाबेस) के साथ केआरए द्वारा सत्यापित ग्राहक के रिकॉर्ड को ‘मान्य रिकॉर्ड' माना जाएगा। वहीं अमान्य दस्तावेज वाले व्यक्तियों को प्रतिभूति बाजार में कारोबार की अनुमति नहीं दी जाएगी।''


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Content Writer

jyoti choudhary

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