S&P ने खोली एक्सिस व आई.सी.आई.सी.आई. बैंकों की पोल

punjabkesari.in Saturday, Apr 14, 2018 - 07:49 AM (IST)

नई दिल्लीः ग्लोबल रेटिंग एजैंसी एस. एंड पी. ने कहा कि आई.सी.आई.सी.आई. बैंक और एक्सिस बैंक में हाल की समस्याएं गवर्नैंस की कमजोरी के कारण सामने आई हैं। बैंकों में जोखिम प्रबंधन में सुधार और मजबूत गवर्नैंस सुनिश्चित करने की सख्त जरूरत है। एस. एंड पी. ग्लोबल रेटिंग के क्रैडिट एनालिस्ट माइकल पुली ने दोनों बैंकों की पोल खोलते हुए कहा कि कई भारतीय बैंकों के सामने गवर्नैंस और जोखिम प्रबंधन की गंभीर दिक्कतें आ रही हैं। शीर्ष स्तर पर समस्याओं पर गौर करने की जरूरत है।

भारतीय बैंकों के शीर्ष प्रबंधन को जोखिम प्रबंधन, प्रतिष्ठा और वित्तीय मजबूती सुनिश्चित करनी होगी। अमरीकी रेटिंग एजैंसी का कहना है कि बैंकों की रेटिंग में सुधार के लिए कारोबारी विकास दर स्थिर करने हेतु प्रबंधन को क्षमता और विशेषज्ञता विकसित करनी होगी। एस. एंड पी. ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय बैंकों में गवर्नैंस और पारदर्शिता  नकारात्मक पहलू हैं। एजैंसी ने आई.सी.आई.सी.आई. और एक्सिस बैंकों को बी.बी.बी.-रेटिंग के साथ स्थिर आऊटलुक में रखा है।
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हाल में एक्सिस बैंक के बोर्ड ने मैनेजिंग डायरैक्टर व सी.ई.ओ. शिखा शर्मा को एक और कार्यकाल देने का प्रस्ताव भारतीय रिजर्व बैंक के पास भेजा था। खबरों के मुताबिक 30 जून, 2021 तक के कार्यकाल के प्रस्ताव को आर.बी.आई. मंजूरी देने का इच्छुक नहीं था। इसके बाद बोर्ड ने कार्यकाल की अवधि घटाकर 31 दिसम्बर, 2018 तक करने की अनुमति मांगी।

चंदा कोचर के खिलाफ आरोप सही साबित होने पर बैंक की प्रतिष्ठा को लगेगा धक्का
देश के सबसे बड़े निजी बैंक आई.सी.आई.सी.आई. की मैनेजिंग डायरैक्टर व सी.ई.ओ. चंदा कोचर के खिलाफ  कथित हितों के टकराव बारे जांच की जा रही है। यह मामला वीडियोकॉन ग्रुप को 2012 में दिए कर्ज से संबंधित है। एस. एंड पी. का कहना है कि आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के बोर्ड ने भले ही लीडरशिप टीम को पूरा समर्थन दिया है लेकिन प्रबंधन के खिलाफ  आरोप अगर सही साबित होते हैं तो बैंक की प्रतिष्ठा को धक्का लगेगा और कानूनी व वित्तीय जोखिम पैदा होंगे। एस. एंड पी. ने 21 दिसम्बर, 2017 को एक्सिस बैंक की खुद की कर्ज चुकाने की क्षमता का आकलन घटाया था। इससे ज्यादा जोखिम प्रदर्शित होता है। बैंक पर फंसे कर्ज (एन.पी.ए.) कम करके दिखाने के भी आरोप लगे।

बैंकों के घोटाले पर संसदीय समिति करेगी जवाब तलब
बैंकों में बढ़ते फंसे कर्ज (एन.पी.ए.), घोटाले और गवर्नैंस में गड़बडिय़ों के बीच संसदीय पैनल 17 अप्रैल को वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से सवाल-जवाब करेगा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम. वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी संसदीय समिति की बैठक पी.एन.बी. में 13,000 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आने के बाद 9 मार्च को हुई थी। उस समय समिति ने मंत्रालय से इस मामले में विस्तृत जांच कर एक माह में रिपोर्ट देने को कहा था।


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