रैस्टोरैंट्स की डायरेक्ट डिलीवरी 25% बढ़ी

punjabkesari.in Friday, Jun 04, 2021 - 01:21 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोना के डर से लोगों द्वारा रैस्टोरेंट में न जाने और घर पर ही खाना मंगवाने के रुझान के चलते रैस्टोरैंट्स की चेन के डायरेक्ट डिलीवरी कारोबार में पिछले 2 महीने में 15 से लेकर 25 प्रतिशत का उछाल आया है। ग्राहकों द्वारा इतनी बड़ी संख्या में किए जा रहे सीधे आर्डर से उत्साहित इन बड़े रैस्टोरैंट चेंस ने अब स्विगी और जोमेटो के अलावा विकल्प के तौर पर अपने डायरैक्ट होम डिलीवरी कारोबार को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। रैस्टोरैंट्स का अनुमान है कि लंबे लॉकडाऊन के बाद अब स्थितियां सामान्य होने पर भी रैस्टोरेंट में आकर खाना खाने से बचेंगे। यह अंदर से बंद होते हैं। इसके अलावा फिलहाल निकट भविष्य में बार में भी कारोबार मंदा ही रहने वाला है।

दरअसल रैस्टोरैंट से ग्राहक के घर तक खाना पहुंचाने वाले स्विगी और जोमेटो जैसे एप्स का कमीशन कई मामलों में 30 प्रतिशत तक चला जाता है जबकि डॉट पे और थ्राइव नाओ जैसे टैक्निकल पार्टनर 3 प्रतिशत तक कमीशन लेते हैं। रैस्टोरैंट मालिकों को लगने लगा है कि बिचौलिए एप्स को दिए जा रहे कमीशन के चलते उनका मुनाफा लगातार कम हो रहा है और इतने कम मुनाफे के साथ उनका अपना कारोबार लंबा नहीं चल पाएगा लिहाजा देश में कोरोना काल में रैस्टोरैंट चेंस ने इन एप्स का विकल्प खोजते हुए डायरैक्ट डिलीवरी का काम शुरू किया और अब यह कारोबार अच्छा चलने लगा है। हालांकि इस मामले में स्विगी और जोमेटो की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

कोरोना की दूसरी लहर ने हमें यह अनुभव दिया है कि डायरैक्ट डिलीवरी का कारोबार लंबा चलेगा और यह समाप्त होने वाला नहीं है और हमारे लिए इस दौर में अपने मुनाफे को बचाए रखना ज्यादा अहमियत रखता है। यदि हमारे पास डिलीवरी एप्स के जरिए ग्राहक आता है तो हमारे पास न तो ग्राहक का डाटा आता है और न ही हमें इतना मुनाफा हो पाता है जबकि डायरैक्ट डिलीवरी में हमें मुनाफा भी ज्यादा होता है और हमारे पास ग्राहक का डाटा भी उपलब्ध रहता है। अप्रैल से अब तक कीलिन ग्रुप की डायरैक्ट डिलीवरी 15 प्रतिशत बढ़ी है और हम अपना यह डायरेक्ट डिलीवरी कारोबार जारी रखेंगे।   -सौरभ खनिजों, एम. डी. कीलिन ग्रुप

रेस्टोरेंट की कुल बिक्री में डायरैक्ट डिलीवरी की हिस्सेदारी करीब 25 से 27 प्रतिशत हो गई है। हालांकि इसमें ग्राहक ढूंढना और उसके घर तक सामान डिलीवर करना बड़ी चुनौती है और यदि आप यह काम कर लेते हैं तो इसमें मुनाफा बहुत बड़ा है। बिग चिल ने पिछले साल लॉकडाऊन के दौरान टैक्नोलॉजी प्लेटफार्म डॉट पे के साथ करार किया था और उसके बाद डायरैक्ट डिलीवरी के कारोबार में वृद्धि हुई है। हमें लगता है कि डायरैक्ट डिलीवरी का कारोबार लंबा चलेगा और हम इसे जारी रखेंगे।   -असीम ग्रोवर, एम.डी. बिग चिल


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Content Writer

jyoti choudhary

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