रेपो रेट कम न होने से रियल एस्‍टेट सैक्‍टर निराश

punjabkesari.in Thursday, Dec 08, 2016 - 02:55 PM (IST)

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक की पहली मॉनिटरी पॉलिसी में रेपो रेट कम न होने से रियल एस्टेट सैक्टर खासा निराश है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार 25 से 50 बेसिस प्वाइंट कम होने से होम लोन सस्ता हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। रियल एस्टेट डेवलपर्स का कहना है कि नोटबंदी का सबसे बड़ा असर रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ा है, ऐसे में यदि रेपो रेट कम हो जाता तो मार्कीट सेंटीमेंट में सुधार हो सकता है, लेकिन आरबीआई ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

नोटबंदी से सैकटर दबाव में
जेएलएल इंडिया के कंट्री हेड एवं चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि डिमोनिटाइजेशन की वजह से रियल एस्टेट सैक्टर बेहद दबाव में है, रेट कट से सैक्टर का डर दूर हो सकता था। वहीं कुशमैन एंड वेकफील्ड, इंडिया के एमडी अंशुल जैन ने कहा कि साल 2015 के बाद से अब तक आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 150 बेसिक प्वाइंट में कमी की गई, लेकिन उसके मुकाबले बैंकों ने ब्याज दरें ज्यादा कम नहीं की। ऐसे में, अब जब बैंकों के पास लिक्विडिटी बढ़ रही है तो हमें उम्मीद है कि कॉमर्शियल बैंक ब्याज दरों में कमी करेंगे। इसका फायदा रियल एस्टेट सैक्टर को मिलेगा।

सैक्टर को नहीं मिली राहत
जिंदल रियल्टी प्रा. लिमिटेड के सीइओ एंव एमडी गौरव जैन ने कहा कि आरबीआई की आज की घोषणा हैरतभरी है। हमें उम्मीद थी कि डिमोनिटाइजेशन के बाद रेपो रेट में कमी की घोषणा से रियल एस्टेट सैक्टर को राहत प्रदान होगी। रेट कट होने से रियल एस्टेट सैक्टर में इन्वेस्टमेंट बढ़ेगा, लेकिन रेट कट न होने से रियल एस्टेट सेंटीमेंट में बदलाव नहीं होगा।

मुश्किल समय में रेट कटौती जरूरी
कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन्स ऑफ इंडिया (क्रेडाई) के वेस्टर्न यूपी के प्रेसिडेंट दीपक कपूर ने कहा कि डिमोनिटाइजेशन के बाद रेट कम होने की ज्यादा उम्मीद नहीं थी, लेकिन इतना जरूर उम्मीद कर रहे थे कि रियल एस्टेट सैक्टर को कुछ तो राहत मिलेगी, जिससे सैक्टर में कुछ ग्रोथ होगी। कपूर ने कहा कि नोएडा-गाजियाबाद में स्टांप ड्यूटी और सर्किल रेट बढ़ने से वैसे ही रियल एस्टेट सैक्टर में निराशा है, ऐसे में यदि रेट कटौती होती तो रियल एस्टेट सैक्टर को काफी राहत मिल जाती है।


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