RBI अप्रैल पॉलिसी मीट में रेपो रेट में बढ़त पर लगा सकता है ब्रेक: नोमुरा रिसर्च
punjabkesari.in Tuesday, Mar 14, 2023 - 04:07 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा रिसर्च को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक अपनी अप्रैल में होने मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (MPC) में अपनी नीति दरों में कोई बढ़त नहीं करेगा। बता दें कि नोमुरा की ये राय विश्लेषकों के बीच बनी आम सहमति के विपरीत है। विश्लेषकों की आम राय है कि आरबीआई अप्रैल की अपनी एमपीसी मीट में रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट (0.25 फीसदी) की बढ़त कर सकता है। नोमुरा ये राय कई कारकों पर आधारित है। मुद्रास्फीति में कमी, आरबीआई की पिछली निति बैठकों में लिए गए फैसलों के अब दिख रहे असर, अमेरिका उत्पन्न बैंकिंग संकट और वित्तीय वर्ष 2023-24 में घरेलू मांग में कमजोरी के पूर्वानुमान इन कारकों में शामिल हैं।
नोमुरा रिसर्च ने अपने ताजा नोट में कहा है कि उसके मुताबिक आरबीआई द्वारा अपनी नीति दरों में कोई बढ़त न करने की संभावना 80 फीसदी है। जबकि 20 फीसदी संभावना नीति दरों में 25 बेसिस प्वाइंट (0.25 फीसदी) की बढ़त करने की दिख रही है। नोमुरा का कहना है कि देश में महंगाई कम होती दिखी है। इसके साथ ही महंगी ब्याज लागत के कारण ग्रोथ में भी सुस्ती देखने को मिली है। ऐसे में इस साल हमें आरबीआई की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की शुरुआत होती दिख सकती है। नोमुरा रिसर्च का मानना है कि अक्टूबर 2023 से आरबीआई ब्याज दरों में कटौती की शुरुआत कर सकता है, इसके साथ ही हमें इस साल ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की कटौती देखने को मिल सकती है।
महंगाई नियंत्रण में रहने की संभावना
नोमुरा का कहना है कि खुदरा महंगाई फरवरी महीने में मासिक आधार पर 6.5 फीसदी से घटकर 6.4 फीसदी पर आई है। खाने पीने की चीजों की महंगाई दर फरवरी में जनवरी के 6 फीसदी से घटकर 5.9 फीसदी पर आई है। आगे हमें महंगाई में और गिरावट आती नजर आ सकती है। बतातें चलें कि आरबीआई की पॉलिसी मीट 3 से 6 अप्रैल को होने वाली है। अपनी पिछली पॉलिसी मीट में आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी करके इसे 6.5 फीसदी कर दिया था।
ग्रोथ में सुस्ती चिंता का विषय
नोमुरा का ये भी कहना है कि ग्लोब इकोनॉमिक स्थिति तेजी से खराब हो रही है। अमेरिका में स्थितियों को नियंत्रित करने के प्रयास के बावजूद वहां वित्तीय स्थिति के सामने तमाम चुनौतियां दिख रही हैं। मंदी का खतरा बढ़ता जा रहा है। यह स्थिति ग्लोबल ग्रोथ पर अपना असर दिखाएगी। इससे अमेरिकी मौद्रिक नीति भी प्रभावित होगी। घरेलू इकोनॉमी में भी ग्रोथ और महंगाई की दर दोनों आरबीआई की उम्मीद के नीचे हैं। ऐसे में नोमुरा का मानना है कि इस साल आरबीआई की रणनीति क्या होगी। इस पर सबकी नजर रहेगी।