RBI ने तैयार किए नए नियम, गिरवी चांदी न लौटाने पर बैंक देगा रोजाना 5000 रुपए का मुआवजा
punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 06:28 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) ने अब चांदी पर भी लोन देने की प्रक्रिया को मंजूरी देने की तैयारी कर ली है। अब लोग अपनी चांदी की ज्यूलरी या बर्तन गिरवी रखकर बैंक से लोन ले सकेंगे। इसके लिए आर.बी.आई.ने लैंडिंग अगेंस्ट गोल्ड एंड सिल्वर कोलैक्टरल डॉयरैक्शन 2025 नए नियम जारी किए हैं। यह नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे।
अभी तक कुछ को-ऑप्रेटिव बैंक और एन.बी.एफ.सी. चांदी पर लोन दे रहे थे लेकिन उन पर कोई नियम नहीं था। अब आर.बी.आई. ने इन पर सख्त और स्पष्ट नियम बनाए हैं ताकि ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और सभी बैंकों में एक जैसी प्रक्रिया अपनाई जाए। इन नियमों के मुताबिक अगर बैंक लोन चुकाने के बाद भी ज्यूलरी लौटाने में देर करता है, तो उसे ग्राहक को प्रतिदिन 5000 रुपए का मुआवजा देना होगा।
चांदी की कीमत तय करने के क्या होंगे मानदंड
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चांदी या सोने की कीमत तय करने के लिए बैंक दो तरीकों से कीमत निकालेंगे। पहला पिछले 30 दिनों का औसत भाव और दूसरा पिछले दिन का बंद भाव। इन दोनों में से जो कम होगा, वही माना जाएगा। ये भाव इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आई.बी.जे.ए.) या सेबी से मान्यता प्राप्त कमोडिटी एक्सचेंज से लिए जाएंगे। अगर किसी खास प्योरिटी का भाव उपलब्ध नहीं है, तो उसके सबसे नजदीकी प्योरिटी का भाव लेकर वजन के हिसाब से एडजस्ट किया जाएगा। इसमें केवल धातु की नैट कीमत ही मानी जाएगी, किसी भी कीमती पत्थर या रत्न का मूल्य इसमें शामिल नहीं होगा।
ज्यूलरी की कीमत ऐसे होगी तय
बैंक या लोन देने वाली संस्था को चांदी की प्योरिटी और वजन जांचने का एक समान तरीका अपनाना होगा। यह प्रक्रिया सभी शाखाओं में एक जैसी होगी। ग्राहक को वैल्यूएशन के समय मौजूद रहना होगा। अगर ज्यूलरी में पत्थर या फास्टनिंग (जोड़) हैं, तो उनका वजन घटाकर असली धातु का वजन बताया जाएगा। यह पूरी जानकारी वैल्यूएशन सर्टिफिकेट में दी जाएगी।
लोन चुकाने के बाद क्या होंगे नियम
जब ग्राहक लोन चुका देता है, तो बैंक को 7 कारोबारी दिन के भीतर उसकी ज्यूलरी लौटानी होगी। अगर ग्राहक लोन नहीं चुकाता है, तो बैंक को उसे नोटिस देना होगा। अगर ग्राहक का पता नहीं चलता, तो बैंक एक महीने इंतजार करने के बाद अखबारों में सार्वजनिक नोटिस जारी करके नीलामी कर सकता है। नीलामी पारदर्शी तरीके से होगी और इसकी घोषणा एक राष्ट्रीय और एक स्थानीय अखबार में करनी होगी।
बैंक या उसके रिश्तेदार इस नीलामी में हिस्सा नहीं ले सकते। नीलामी के समय ज्यूलरी की रिजर्व प्राइस (न्यूनतम कीमत) उसके मौजूदा मूल्य का कम से कम 90 फीसदी होगी और अगर दो बार नीलामी असफल हो जाती है, तो यह 85 फीसदी रखी जा सकती है। नीलामी के बाद अगर रकम बचती है, तो वह 7 कार्य दिवसों के भीतर ग्राहक को लौटा दी जाएगी।
‘अनक्लेम्ड’ चांदी का निपटारा
अगर ज्यूलरी को किसी भी तरह का नुकसान होता है या वजन या प्योरिटी में कमी पाई जाती है, तो बैंक उसकी पूरी भरपाई करेगा। जो ज्यूलरी ग्राहक या उनके वारिस 2 साल तक नहीं लेते, उन्हें ‘अनक्लेम्ड’ माना जाएगा। बैंक को ऐसे मामलों में समय-समय पर ग्राहकों या उनके परिवार से संपर्क करने की कोशिश करनी होगी। साथ ही हर 6 महीने में अनक्लेम्ड ज्यूलरी की रिपोर्ट बैंक की बोर्ड मीटिंग में रखी जाएगी।
