RBI ने इस बैंक का किया लाइसेंस रद्द, जानें बैंक के डिपॉजिटर्स का क्या होगा
punjabkesari.in Wednesday, Dec 09, 2020 - 12:37 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को महाराष्ट्र के कराड में संकटग्रस्त 'कराड जनता सहकारी बैंक' का लाइसेंस रद्द कर दिया है। आरबीआई ने पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं होने के कारण यह कार्रवाई की है। बता दें कि इससे पहले नवंबर 2017 से ही कराड जनता सहकारी बैंक पर रिजर्व बैंक ने कुछ पाबंदियां लगाई हुई थीं। आरबीआई ने कहा कि लाइसेंस रद्द होने के बाद अब बैंक पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
यह भी पढ़ें- ट्रेन टिकट का PNR स्टेटस WhatsApp पर करें चेक, ये है पूरा प्रॉसेस
इस नियम के तहत रद्द किया गया बैंक का लाइसेंस
रिजर्व बैंक ने बैंक का लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश भी दिया था। आरबीआई के मुताबिक, सेक्शन-22 के नियमों के मुताबिक बैंक के पास अब पूंजी और कमाई की कोई गुंजाइश नहीं है। कराड बैंक बैंकिंग रेगुलेशन, 1949 के सेक्शन-56 के पैमानों पर खरा नहीं उतरा। अब बैंक को चालू रखना जमाकर्ताओं के हित में नहीं है। मौजूदा स्थिति में बैंक अपने डिपॉजिटर्स को पूरा पैसा नहीं दे पाएगा। इसी वजह से उसका लाइसेंस रद्द किया गया है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने साफ कर दिया है कि लाइसेंस रद्द होने के बाद भी 99 फीसदी जमाकर्ताओं को उनकी पूंजी वापस मिल जाएगी।
यह भी पढ़ें- टैक्स बचाने के लिए अपना घर शिफ्ट कर सकते हैं Elon Musk, जानें कितने डॉलर की होगी बचत?
डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन एक्ट, 1961 (DICGC Act 1961) के तहत डिपॉजिटर्स को बैंक के लिक्विडेशन पर 5 लाख तक की रकम वापस मिल जाएगी। इसलिए 99 फीसदी डिपॉजिटर्स को बैंक में जमा अपनी पूरी पूंजी वापस मिल जाएगी। आरबीआई ने कहा है कि बैंक के लाइसेंस को रद्द करने और लिक्विडेशन की कार्यवाही शुरू करने के साथ ही जमाकर्ताओं को पैसे लौटाने का काम शुरू हो जाएगा। बता दें कि लाइसेंस रद्द करने का फैसला 7 दिसंबर के कामकाज के बाद प्रभावी हो गया है। इसके प्रभावी होने के साथ बैंक अब बैंकिंग से जुड़ी कोई गतिविधि नहीं कर सकता है।
यह भी पढ़ें- कानून का उल्लंघन कर रही अमेजन, CAIT ने ईडी को पत्र लिखकर की कड़ी कार्रवाई की मांग