21 ग्राहकों के नाम पर ₹3 करोड़ का लोन, केनरा बैंक के सीनियर मैनेजर ने ऐसे किया घोटाला
punjabkesari.in Tuesday, Dec 30, 2025 - 11:25 AM (IST)
बिजनेस डेस्कः लोगों का भरोसा आज भी बैंकों, खासकर सरकारी बैंकों (PSU Banks) पर सबसे ज्यादा माना जाता है लेकिन बेंगलुरु से सामने आया एक चौंकाने वाला मामला इस भरोसे को झकझोर देने वाला है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के मल्लेश्वरम इलाके में स्थित केनरा बैंक की एक शाखा में सीनियर मैनेजर पर करीब ₹3 करोड़ के बड़े घोटाले का आरोप लगा है। आरोपी अधिकारी घटना सामने आते ही फरार हो गया, जिससे बैंक ग्राहकों में हड़कंप मच गया है।
मल्लेश्वरम शाखा से जुड़ा है मामला
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पूरा मामला मल्लेश्वरम स्थित केनरा बैंक की शाखा का है। यहां रघु नामक अधिकारी सीनियर मैनेजर के पद पर तैनात था। शुरुआती जांच में सामने आया है कि उसने करीब 21 ग्राहकों के नाम पर ₹3 करोड़ से अधिक के लोन मंजूर कराए और रकम हड़प ली।
भरोसा जीतकर रची साजिश
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी मैनेजर ने पहले ग्राहकों का भरोसा जीता। इसके बाद उसने खुद को गंभीर पारिवारिक और आर्थिक संकट में बताया। उसने ग्राहकों से कहा कि तकनीकी कारणों से वह अपने नाम पर लोन नहीं ले पा रहा है, इसलिए वे उसके लिए लोन अप्लाई करें।
ग्राहकों को भरोसे में लेने के लिए उसने यह भी दावा किया कि उसके पास सोना है, जिसे वह गिरवी रखकर लोन चुकाएगा। सीनियर बैंक अधिकारी होने के कारण कई ग्राहकों ने उसकी बातों पर आंख मूंदकर भरोसा कर लिया।
अधिकार का दुरुपयोग कर पास कराए लोन
जांच एजेंसियों का कहना है कि आरोपी ने अपनी पद और अधिकारों का खुला दुरुपयोग किया। बिना कोई सोना गिरवी रखे, सिर्फ ग्राहकों के दस्तखतों के आधार पर लोन पास कराए गए और रकम निजी इस्तेमाल में ले ली गई।
ऑडिट में खुला राज, फिर हुआ फरार
जब लोन की किश्तें समय पर वापस नहीं आईं और बैंक के आंतरिक ऑडिट के दौरान गड़बड़ियां सामने आईं, तब इस पूरे घोटाले का खुलासा हुआ। जांच तेज होने पर आरोपी मैनेजर कथित तौर पर फरार हो गया, जिससे प्रभावित ग्राहक भारी आर्थिक संकट में फंस गए हैं।
पुलिस की तलाश जारी
बैंक प्रबंधन ने मल्लेश्वरम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। मामला दर्ज होते ही पुलिस ने आरोपी की तलाश और गबन की गई रकम की बरामदगी के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
इस घटना ने एक बार फिर बैंकिंग सिस्टम में जवाबदेही को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब ग्राहकों की जमा पूंजी की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी ही भरोसे से खिलवाड़ करें, तो आम आदमी आखिर किस पर भरोसा करें—यह सवाल अब सार्वजनिक बहस का विषय बन गया है।
