रसना हो सकती हैं दिवालिया! 71 लाख रुपए के मामले में NCLT में होगी सुनवाई
punjabkesari.in Saturday, Sep 02, 2023 - 03:44 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः चिलचिलाती गर्मी में ठंडक पहुंचाने वाली इंस्ट्रैंट ड्रिंक मिक्स रसना अब दिवालिया होने की कगार पर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एन.सी.एल.टी.) में इसके खिलाफ एक दिवालिया याचिका दायर हुई है। यह याचिका 71 लाख रुपए की बकाया रकम से जुड़ी हुई है। इस दिवालिया याचिका को लॉजिस्टिक्स कंपनी भारत रोड कैरियर प्राइवेट लिमिटेड ने दायर किया था। इस मामले में ट्रिब्यूनल ने रविंद्र कुमार को अंतरिम रिजॉल्यूशनल प्रोफैशनल के तौर पर नियुक्त कर दिया है। लॉजिस्टिक्स कंपनी के मुताबिक इसने रसना को कई सामान भेजे थे जिसकी इनवॉइस अप्रैल 2017 से अगस्त 2018 के बीच बनी थी यानी यह मामला कोरोना महामारी से काफी पहले का है।
रसना की यह दलील भी नहीं आई काम
रसना का कहना है कि उसने नवम्बर 2018 में अहमदाबाद के कमर्शियल कोर्ट में भारत रोड कैरियर के खिलाफ 1.25 करोड़ रुपए के नुक्सान का मामला दायर किया था। मामले को मध्यस्थता के लिए भेजा गया था लेकिन रसना के मुताबिक लॉजिस्टिक्स फर्म मीडिएटर यानी मध्यस्थ के सामने पेश नहीं हुई और मध्यस्थता फेल हो गई। रसना का आरोप है कि कमर्शियल कोर्ट ने 30 अप्रैल 2019 को नोटिस जारी किया लेकिन जवाब दाखिल करने की तारीख तक भी यह कोर्ट के सामने पेश नहीं हुई।
इंस्टैंट ड्रिंक कंपनी का कहना है कि दिवालिया याचिका के खिलाफ 2 मुद्दे हैं जिसमें पहला तो यह है कि भारत कैरियर ने तथ्यों को दबाया है और दूसरा यह कि दोनों पक्षों के बीच पहले से विवाद चल रहा है। हालांकि ट्रिब्यूनल ने पाया कि भारत कैरियर ने जिस मामले में याचिका दायर की है, उसे लेकर विवाद नहीं है और रसना ने भारत कैरियर की सर्विसेज का फायदा उठाया था।
NCLT से इस सैक्शन के तहत भी नहीं मिल सकी राहत
रसना के खिलाफ जिस टाइम पीरियड के लिए दिवालिया याचिका दायर हुई है, वह कोरोना महामारी से पहले का है। ऐसे में ट्रिब्यूनल का कहना है कि इसे इनसॉल्वैंसी एंड बैंकरप्सी कोड के सैक्शन 10ए के तहत राहत नहीं मिल सकती है। इस सैक्शन के तहत यह प्रावधान है कि कोरोना महामारी के दौरान अगर कोई कंपनी किसी बकाए को लेकर डिफॉल्ट होती है तो उसके खिलाफ दिवालिया याचिका नहीं शुरू की जाएगी। रसना के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया को एन.सी.एल.टी. ने मंजूरी दे दी है और मोरेटोरियम पीरियड भी शुरू हो गया है। यह पीरियड दिवालिया प्रक्रिया पूरी होने तक या फैसला लेने वाली अथॉरिटी रिजॉल्यूशन प्लान को मंजूरी नहीं दे देती है, तब तक रहेगा।