रुपए में गिरावट चिंता की बात नहीं, चीन-जापान की मुद्रा भी गिरी थी, संजीव सान्याल
punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 04:26 PM (IST)
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने बृहस्पतिवार को कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपए में आई बड़ी गिरावट को लेकर उन्हें कोई चिंता नहीं है और इसे आर्थिक परेशानी से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्च वृद्धि के दौर से गुजर रही अर्थव्यवस्थाओं में अक्सर विनिमय दर में कमजोरी देखी जाती है और ऐसा पहले जापान और चीन के साथ भी देखा जा चुका है।
सान्याल ने कहा कि 1990 के दशक के बाद से रुपए को काफी हद तक बाजार के हिसाब से ही अपना स्तर तय करने दिया गया है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रुपए में अत्यधिक उतार-चढ़ाव होने की स्थिति में अपने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करता है। उन्होंने कहा, “मैं रुपये को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं…। रुपए की मौजूदा कमजोरी को किसी आर्थिक चिंता से अनिवार्य रूप से जोड़ना सही नहीं है। इतिहास बताता है कि तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं अक्सर विनिमय दर की कमजोरी के दौर से गुजरती हैं।”
सान्याल ने कहा, “जब जापान की अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ रही थी, तब उसकी विनिमय दर को काफी कमजोर रखा गया था। चीन में भी 1990 और 2000 के दशक में ऐसा ही देखा गया था।” रुपया मंगलवार को पहली बार 91 रुपए प्रति डॉलर के स्तर को भी पार करते हुए अपने अबतक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। इस पर सान्याल ने कहा, “रुपए का कमजोर होना अपने आप में नकारात्मक संकेत नहीं है, बशर्ते इससे घरेलू मुद्रास्फीति न बढ़े। यह स्पष्ट है कि फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा।”
आंकड़ों के मुताबिक, इस साल दो अप्रैल को अमेरिका द्वारा व्यापक शुल्क वृद्धि की घोषणा के बाद से भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5.7 प्रतिशत कमजोर हो चुका है, जो दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे खराब प्रदर्शन है। हालांकि, अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर उपजी उम्मीदों से बीच-बीच में रुपया मजबूत भी होता रहा है। भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर सान्याल ने कहा कि भारत यूरोपीय संघ और अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता को आक्रामक ढंग से आगे बढ़ा रहा है लेकिन इनमें राष्ट्रीय हित सर्वोपरि रहेगा।
उन्होंने कहा, “कुछ मामलों में समझौते के लिए कुछ समझौते करने पड़ेंगे लेकिन हम यह सुनिश्चित करेंगे कि फैसले देश के सर्वोत्तम हित में हों।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका के मामले में भारत ने किसी भी मुद्दे को बढ़ाया नहीं है। उन्होंने कहा, “हमने सावधानी बरती है, लेकिन झुके भी नहीं हैं।” सान्याल ने यह भी कहा कि चीन और भारत ही ऐसे दो देश हैं जो अमेरिकी दबाव के आगे वास्तव में झुके नहीं हैं।
