'मंदी' पर बोले राजीव बजाज, इंडस्ट्री की अपनी गलतियों से आई ऑटो सेक्टर में मंदी

punjabkesari.in Friday, Aug 23, 2019 - 06:26 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः ऑटो सेक्टर में संकट की ढेर सारी खबरों के बीच बजाज ऑटो के मैनेजिंग डारेक्टर राजीव बजाज ने कहा कि उद्योग को अपने गिरेबां में झांककर अपनी कमियों को देखना चाहिए बजाय कि ये मांग करने के कि सरकार को राहत पैकेज देना चाहिए। ऑटोमोबाइल क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां मारुति तथा महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने बिक्री में गिरावट से निपटने तथा छंटनी को रोकने को लेकर ऑटो उद्योग के लिए केंद्र से वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज की मांग की है। 

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बजाज ने कहा कि वित्तीय मदद मांगने से पहले उद्योग को खुद से यह पूछने की जरूरत है कि क्या उसने वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के लिए पर्याप्त प्रयास किए हैं। एक बिजनेस चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग के उत्पाद 'औसत दर्जे' के होते हैं। 

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उद्योगों को खुद के अंदर झांकने की जरूरत 
राजीव बजाज ने कहा कि ऑटोमोबाइल उद्योग में जो मंदी का माहौल है, वह उसकी खुद की वजह से है। उन्होंने कहा, 'अधिकतर कंपनियां अपने उत्पादों का निर्यात करने में सक्षम नहीं हैं, जिसका कारण उनकी गुणवत्ता का औसत दर्जे का होना है, जिसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में वह टिक नहीं पाता। मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता हूं, लेकिन जब आप कुछ भी बनाने हैं... जब आप स्कूटर, बाइक, कार, जीप, एसयूवी, ट्रक तथा बस बनाएंगे, वह निश्चित तौर पर किसी भी रूप में विश्वस्तरीय नहीं होने जा रहा।' 

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ऑटो इंडस्ट्री में कोई संकट नहीं 
ऑटो इंडस्ट्री में हाल के दिनों में कर्मचारियों की छंटनी से जुड़ी रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए बजाज ने कहा कि इस तरह का भय बेचने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं इस बात से सहमति जताता हूं कि यह कठिन वक्त है, लेकिन बिक्री में महज 5 से 7 फीसदी की गिरावट को संकट का नाम नहीं दिया जा सकता।' 

निर्यात पर फोकस करे इंडस्ट्री 
उद्योग को भारत के बाहर अपना विस्तार करने से जुड़े सवाल पर बजाज ने कहा कि उद्योग को घरेलू बाजार में बिक्री में हो रही गिरावट से निपटने के लिए वैश्विक बाजारों में निर्यात पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। 

ऑटो सेक्टर में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटो मोबाइल मैन्यूफेचर्स (SIAM) की 13 अगस्त को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कुल कार बिक्री जुलाई में 18.71 फीसदी गिरकर 18,25,148 रही जो जुलाई 2018 में 22,45,223 थी। ये दिसंबर 2000 के बाद कार बिक्री में आई सबसे बड़ी गिरावट है। उस दौरान कार बाजार में 21.81 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।
 


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jyoti choudhary

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