तैयार हो रहा है नया फार्मूला, लोन लेने वाले कस्टमर को मिलेगी राहत

punjabkesari.in Wednesday, Aug 30, 2017 - 01:41 PM (IST)

नई दिल्लीः सस्ता करने में बैंक अब कंजूसी नहीं कर पाएंगे। इसके लिए एक नया फार्मूला तैयार किया जा रहा है जिसमें बैंकों को आर.बी.आई. द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद रियल टाइम में रेट घटाना पड़ेगा। नए फार्मूले की सिफारिश आर.बी.आई. की कमेटी ने की है जिसमें बैंकों का कर्ज रेपो रेट से डायरैक्ट ङ्क्षलक करने का प्रस्ताव है। साथ ही फ्लोटिंग रेट रिव्यू का टाइम पीरियड भी सभी बैंकों के लिए एक समान करने की सिफारिश है। इस संबंधी आर.बी.आई., वित्त मंत्रालय और बैंकों के बीच बातचीत भी शुरू हो चुकी है। अगर ऐसा होता है तो सभी तरह के लोन लेने वाले कस्टमर्स को बड़ी राहत मिलेगी।

क्या है प्रस्ताव
आर.बी.आई. की होम फाइनैंस कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक बेस रेट, एम.सी.एल.आर. फार्मूले के बावजूद कस्टमर को रेट कटौती का फायदा पूरी तरह से नहीं पहुंचा रहे हैं। कमेटी के अनुसार अभी बैंक होम लोन देते समय एम.सी.एल.आर. को एक साल के लिए फिक्स रखते हैं। यानी होम लोन भले ही कस्टमर फ्लोटिंग रेट पर ले लेकिन उसका होम लोन एक साल के लिए फिक्स हो जाता है।
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इस बीच अगर बैंक एम.सी.एल.आर. घटाता है तो भी कस्टमर का होम लोन सस्ता नहीं होता है। ऐसे में कमेटी ने सिफारिश की है कि एम.सी.एल.आर. को एक महीने तक फिक्स रखनी चाहिए, साथ ही एम.सी.एल.आर. फिक्स करने का पीरियड सभी बैंकों के लिए समान होना चाहिए। ऐसे में कस्टमर के लिए किसी तरह का कोई कन्फ्यूजन नहीं रहेगा। 

क्यों आ रहा है नया फार्मूला
पिछले 2 सालों में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 2 फीसदी की कटौती की है लेकिन बैंकों ने इसकी तुलना में लेडिंग रेट में 0.85 फीसदी की ही कटौती की है। पंजाब एंड सिंध बैंक के रिटायर्ड सी.जी.एम. जी.एस. ङ्क्षबद्रा का कहना है कि यह साफ  है कि एम.सी.एल.आर. आने के बावजूद रेट कट का फायदा ग्राहकों तक तेजी से नहीं पहुंचा। अब रिजर्व बैंक को समझ नहीं आ रहा है कि क्या हो रहा है। रिजर्व बैंक ने इसलिए एम.सी.एल.आर. लेडिंग शुरू की थी की इससे लोन लेने वाले कस्टमर को रेट कट का फायदा तेजी से मिलेगा लेकिन अब भी ऐसा होता नहीं दिख रहा है।
   

 


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