समय पर, वास्तविक कृषि आंकड़ों के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करें: कृषि मंत्री

punjabkesari.in Thursday, Jun 30, 2016 - 03:38 PM (IST)

नई दिल्ली : कृषि संबंधी आंकड़ों के मिलने में देर के कारण नीति निर्माण प्रक्रिया प्रभावित होने के साथ कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज सांख्यिकी मंत्रालय को कृषि क्षेत्र से संबंधित समयबद्ध और ठोस आंकड़ों को पाने के लिए सुदूर संवेदी जैसे आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने को कहा।

उन्होंने इस मंत्रालय से किसानों की आर्थिक स्थिति का आकलन करने वाले राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण :एन.एस.एस. को 10 वर्ष में करने के बजाय पांच वर्ष में करना सुनिश्चित करने को कहा ताकि सरकार उन आंकड़ों के आधार पर समय पर नीतियां बना सके। दसवें सांख्यिकी दिवस को मनाने के लिए सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में सिंह ने कहा, 'हम पांच वर्षो में किसानों की आय को दोगुना करने का ध्येय कर रहे हैं और इसके लिए सही नीतियों को बनाने के लिए निश्चित समय और ठोस आंकड़ों की आवश्यकता है।'

उन्होंने कहा कि कृषि आंकड़ों के प्राप्त होने में देरी को सुलझाने के लिए सुदूर संवेदी जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रौद्योगिकी बागवानी के आंकड़ों को जुटाने के लिए उनके मंत्रालय में प्रोत्साहित किया जा रहा है।

सिंह ने कहा, 'केवल समय पर आंकड़ों के आने से ही नहीं, बल्कि गुणवत्तायुक्त आंकड़ों की भी आवश्यकता है। हमारी नीतियां आंकड़ों पर आधारित है। अगर आंकड़े गलत होंगे तो इस तरह की नीतियों का कोई परिणाम नहीं निकलेगा।' मंत्री ने यह भी बताया कि किस तरह से कृषि संबंधी आंकड़ों ने पिछले दो सूखा पड़ने वाले वर्षो में आपदा योजना को तैयार करने में तथा गोकुल मिशन जैसे विभिन्न कृषि योजनाआें की परिकल्पना करने में सरकार की मदद की।

किसानों की आर्थिक स्थिति के बारे में एन.एस.एस. के आंकड़ों के बारे में सिंह ने कहा, 'ये आंकड़े 10 वर्षो में एक बार आते हैं। क्या हम इस आंकड़ों को प्राप्त करने तथा उसके बाद किसानों के लिए नीतियां तैयार करने के लिए 10 साल का इंतजार करें? हमारे छोटे किसानों का क्या होगा? हम उनकी आय को बढ़ाने के लिए योजना कैसे बनाएंगे। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि ये आंकड़े हमें पांच वर्ष में दीजिए।'

नीति निर्माण के लिए आंकड़ों को रीढ़ की हड्डी बताते हुए सांख्यिकी मंत्री वी के सिंह ने कहा, 'सबसे बड़ा योगदान जो सांख्यिकी विभाग दे सकता है वह यह कि वह नीति निर्माताआें और नीति निर्माताआें को समय पर और ठोस आंकड़े उपलब्ध कराने में सहायता दे।'

 


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