रेलवे स्टेशनों पर विश्राम कक्ष की कमी पर संसदीय समिति ने चिंता जताई

punjabkesari.in Saturday, Jan 06, 2018 - 04:30 PM (IST)

नई दिल्लीः देश में ए श्रेणी के करीब एक चौथाई रेलवे स्टेशनों पर विश्राम कक्ष की सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर चिंता व्यक्त करते हुए संसद की एक समिति ने कहा है कि विश्राम कक्ष स्टेशनों पर मुहैया करवाई जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में से एक है, ऐसे में उन रेलवे स्टेशनों की पहचान की जानी चाहिए जहां इस सुविधा का विस्तार किया जा सके। संसद में हाल में पेश रेल संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार देश के कुल 8495 स्टेशनों में से केवल 559 स्टेशनों पर ही विश्राम कक्ष की सुविधा है।

समिति का मानना है कि सभी स्टेशनों पर यह सुविधा न तो अपेक्षित है और न ही बाध्यकारी है लेकिन ए श्रेणी के सभी स्टेशनों पर विश्राम कक्ष की सुविधा मुहैया करवाई जानी चाहिए क्योंकि वर्तमान में लगभग एक चौथाई ए श्रेणी के स्टेशनों पर विश्राम कक्ष नहीं है। इसके अतिरिक्त समिति यह भी महसूस करती है कि चूंकि विश्राम कक्ष स्टेशनों पर मुहैया करवाई जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में से एक है, ऐसे में रेलवे को ऐसे स्टेशनों की पहचान करनी चाहिए जहां इस सुविधा का विस्तार इसकी उपयोगिता के आधार पर किया जा सकता है। समिति ने सिफारिश की है कि सभी ए श्रेणी के स्टेशनों पर जल्द से जल्द विश्राम कक्ष की सुविधा मुहैया करवाई जानी चाहिए और शेष स्टेशनों पर जहां यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां संबंधित जन प्रतिनिधियों के साथ परामर्श से स्टेशनों को चयनित करके उनकी पहचान की जानी चाहिए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति यह भी नोट करती है कि मंत्रालय द्वारा मूल्य र्विधत यात्रा पैकेज प्रारंभ करना और उनका सफलतापूर्वक निष्पादन न केवल एक लाभ अर्जन का विकल्प बन गया है बल्कि इसकी भारतीय पर्यटन द्वारा अत्यधिक मांग भी की जा रही है। समिति पाती है कि गतिमान ट्रेनों के नये पैकेज को प्रारंभ करना और 50 प्रतिशत से कम उपयोग वाले पैकेजों को हटाना स्पष्ट रूप से पेशेवर रूख की ओर बढऩे को दर्शाता है जो धीरे धीरे रेलवे की कार्य संस्कृति में शामिल हो रही है।  


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