तेल विपणन कंपनियों का परिचालन लाभ चालू वित्त वर्ष में 50% से अधिक बढ़ने का अनुमान: रिपोर्ट
punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 04:49 PM (IST)
नई दिल्लीः तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) तेजी से वापसी के लिए तैयार हैं और चालू वित्त वर्ष 2025-26 में उनका परिचालन लाभ 50 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 18 से 20 डॉलर प्रति बैरल होने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स ने शुक्रवार को कहा कि स्थिर खुदरा ईंधन कीमतों और कच्चे तेल की अनुकूल गतिशीलता के बीच मजबूत विपणन मार्जिन से यह लाभ बढ़ेगा। तेल विपणन कंपनियां रिफाइनिंग (सकल रिफाइनिंग मार्जिन या जीआरएम) और पेट्रोल, डीजल व अन्य ईंधनों के विपणन से आय अर्जित करती हैं।
क्रिसिल रेटिंग्स ने बयान में कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में विपणन मार्जिन में सुधार, जीवाश्म ईंधन की वैश्विक मांग में धीमी वृद्धि के कारण रिफाइनिंग मार्जिन में आई कमी की भरपाई से कहीं अधिक होगा क्योंकि दुनिया स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रही है।'' बेहतर लाभ से नकदी संचय बढ़कर 75,000-80,000 करोड़ रुपए हो जाएगा जबकि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में यह करीब 55,000 करोड़ रुपए था। मजबूत नकदी प्रवाह इस क्षेत्र के नियोजित 90,000 करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय को सहारा देगा जो मुख्यतः पुरानी परियोजनाओं के विस्तार और घरेलू मांग-संचालित परियोजनाओं पर केंद्रित है।
कच्चे तेल की कीमतें घटकर 65-67 डॉलर प्रति बैरल रहने की उम्मीद है जिससे सकल राजस्व (जीआरएम) चार से छह डॉलर प्रति बैरल पर सीमित रहेगा। इसके विपरीत विपणन मुनाफा बढ़कर करीब 14 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल (लगभग आठ रुपए प्रति लीटर) हो जाने का अनुमान है जिससे समग्र परिचालन मार्जिन में वृद्धि होगी। पिछले पांच वित्त वर्ष में भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं ने तेल की कीमतों को प्रभावित किया है जबकि खुदरा ईंधन की कीमतें सीमित दायरे में रही हैं।
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष में कच्चे तेल की कीमतें अस्थिर होने के बावजूद 65-67 डॉलर प्रति बैरल तक नरम पड़ने की संभावना है। वैश्विक मांग में नरमी और ऊर्जा बदलाव के रुझान से ‘रिफाइनिंग स्प्रेड' पर दबाव के कारण जीआरएम के चार से छह डॉलर प्रति बैरल पर बने रहने की संभावना है। इसके अलावा अपरिवर्तित खुदरा ईंधन कीमतों से विपणन मुनाफा बढ़कर 14 डॉलर प्रति बैरल (आठ रुपए प्रति लीटर) हो जाएगा जिसके परिणामस्वरूप कुल मुनाफा 50 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 18-20 डॉलर प्रति बैरल हो जाएगा।''
