तेल सस्ता, रुपया मजबूत...बाजार हुआ गुलजार, सीजफायर से निवेशकों को 4.42 लाख करोड़ का फायदा
punjabkesari.in Tuesday, Jun 24, 2025 - 10:34 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर की घोषणा का घरेलू शेयर बाजार पर जबरदस्त असर दिखा है। मंगलवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में तेज उछाल देखा गया। बीएसई सेंसेक्स करीब 900 अंकों तक चढ़ा, जबकि निफ्टी में 300 अंकों की तेजी दर्ज की गई। इस तेजी से बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण ₹4.42 लाख करोड़ बढ़कर ₹452.25 लाख करोड़ पर पहुंच गया। वहीं, कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आई है और डॉलर के मुकाबले रुपया 68 पैसे मजबूत हुआ है।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 29 तेजी के साथ खुले। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बाद BPCL, HPCL और IOC जैसी तेल कंपनियों के शेयरों में उछाल आया। HPCL के शेयरों में सबसे ज्यादा उछाल आया। बीएसई पर यह 5% बढ़कर 413.25 रुपए पर पहुंच गया। बीपीसीएल के शेयर 4.5% बढ़कर 327.70 रुपए पर कारोबार करने लगे। आईओसी के शेयरों में भी 3.5% की बढ़ोतरी हुई और यह 145.30 रुपए पर पहुंच गया।
निवेशकों की दौलत में ₹4.42 लाख करोड़ का उछाल
एक कारोबारी दिन पहले यानी 23 अगस्त 2025 को बीएसई पर लिस्टेड सभी शेयरों का कुल मार्केट कैप ₹4,47,82,499.86 करोड़ रुपए था। आज यानी 24 जून 2025 को मार्केट खुलते ही यह ₹4,52,25,350.26 करोड़ पर पहुंच गया। इसका मतलब हुआ कि निवेशकों की पूंजी ₹4,42,850.4 करोड़ बढ़ गई है।
क्रूड की कीमत में गिरावट
ईरान ने अमेरिकी हवाई हमलों के जवाब में कतर में एक अमेरिकी एयरबेस को निशाना बनाया। इसके बाद सोमवार को तेल की कीमतों में लगभग 6% की गिरावट आई। मंगलवार को भी कच्चे तेल में गिरावट आई है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से BPCL, HPCL और IOC जैसी तेल कंपनियों को फायदा होता है। कीमतें कम होने से इनपुट कॉस्ट कम हो जाती है, जिससे ईंधन को रिफाइन करना और बनाना सस्ता हो जाता है। इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतेंकम होने से आयात बिल और वर्किंग कैपिटल की जरूरतें कम हो जाती हैं, जिससे कैश फ्लो बेहतर होता है।