NTPC, वेदांता सहित 16 कंपनियों को नोटिस जारी, कोल ब्लॉक में काम शुरू करने में देरी का मामला

punjabkesari.in Saturday, Jun 04, 2022 - 02:20 PM (IST)

नई दिल्लीः कोयले की कमी से निपटने की कोशिश में सरकार अब उन कंपनियों पर सख्ती करने की तैयारी में हैं जो कोयला उत्पादन के लिए समझौतों की शर्तों को पूरा करने में देरी कर रही हैं। दरअसल सरकार ने देश में कोयला उत्पदान बढ़ाने के लिए कोयला ब्लॉक की नीलामी को तेज किया है। जिससे उत्पादन बढ़ाया जा सके। हालांकि योजनाओं की समीक्षा से मिले संकेतों की माने तो कई ब्लॉक में ऑपरेशन योजना से पीछे चल रहा है। 

कोयला मंत्रालय ने जानकारी दी है कि एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, हिंडाल्को, वेदांता और नाल्को समेत 16 कंपनियों को कोयला ब्लॉक के संचालन में देरी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दरअसल कारण बताओ नोटिस उन कंपनियों को समय-समय पर जारी किए जाते हैं जो कोयला ब्लॉक के समय पर संचालन के लिए समझौते पर निर्धारित समयसीमा का पालन नहीं कर रही हैं या कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पा रही हैं।

24 खदानों का समीक्षा 22 के लिए नोटिस जारी
कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, जांच समिति ने हाल ही में आयोजित अपनी 17वीं बैठक में 24 कोयला खदानों के मामलों की समीक्षा की है। समिति ने बैठक के बाद 22 कोयला ब्लॉक के लिए 16 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वेदांता और एनटीपीसी को तीन-तीन ब्लॉकों के उत्पादन में देरी के लिए नोटिस जारी किए गए। जबकि बिड़ला कॉर्प लिमिटेड और कर्नाटक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को दो-दो ब्लॉक के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया। इसके अलावा जिन अन्य कंपनियों को नोटिस जारी किए गए, उनमें दामोदर घाटी निगम, वेस्ट बंगाल पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, बी एस इस्पात लिमिटेड और सनफ्लैग आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटेड शामिल हैं। 

मंत्रालय ने मामलों के आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी करने और आवंटियों से प्राप्त उत्तरों पर विचार करने के लिए एक जांच समिति का गठन किया है। यह जांच समिति उन मामलों में दंड की सिफारिश करती है जिनमें आवंटियों की तरफ से देरी की जाती है।

कोयले की किल्लत से बचने की लिए सरकार ने तैयार की योजना
कोयले की किल्लत से बचने के लिए सरकार घरेलू उत्पादन बढ़ाने के साथ साथ आयात बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। योजना के अनुसार सरकार ने कोल इंडिया को अगले साल जुलाई तक 1.2 करोड़ टन कोयले का आयात करने के लिए तैयार रहने का कहा है। अगर ऐसा होता है तो कोल इंडिया साल 2015 के बाद पहली बार कोयले का आयात करेगी। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार कोयले की कमी के कारण अप्रैल में हुई बिजली की किल्लत से बचने के लिए ईंधन का भंडार बनाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। पिछले साल मॉनसून के तुरंत बाद अक्टूबर के महीने में कोयले की किल्लत देखने को मिली थी।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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