गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों ने बजट में दी राहत का किया स्वागत

punjabkesari.in Saturday, Jul 06, 2019 - 11:18 AM (IST)

मुंबईः संकट के दौर से गुजर रही गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) ने बजट में तरलता बढ़ाने के लिए किए गए प्रस्तावों का स्वागत किया है। कंपनियों का कहना है कि इन कदमों से क्षेत्र के लिए धन की उपलब्धता बढ़ाने में वृद्धि मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आम बजट 2019-20 पेश किया। 

इसमें उन एनबीएफसी को बैंकों और म्यूचुअल फंड कंपनियों से जोखिम से प्रभावित हुए बिना लगातार कोष मिलते रहना चाहिए जिनकी बुनियादी स्थिति ठीक है। इसके अलावा सरकार ने उनकी तरलता बढ़ाने के लिए भी कुछ कदम उठाने का प्रस्ताव किया है। इसमें सरकार वित्तीय तौर पर ठीक स्थिति वाली एनबीएफसी कंपनियों की कुल मिलाकर एक लाख करोड़ रुपए की दबाव वाली परिसंपत्तियों के सरकारी बैंकों के खरीदने पर होने वाले 10 प्रतिशत तक के प्रथम नुकसान के लिए छह महीने की आंशिक ऋण गारेंटी प्रदान करेगी। इस पर एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग के प्रबंध निदेशक दीनानाथ दुभाषी ने कहा कि बजट में एनबीएफसी को ऋण आवंटन बढ़ाने और उनका जोखिम कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। 

बजट में सरकारी बैंकों के एनबीएफसी के ऋण खरीदने के लिए सरकार की ओर छह महीने के लिए एक बार दी जाने वाली आंशिक ऋण गारंटी और बैंकों में पूंजी डालने जैसे कदम उठाए गए हैं। सीतारमण ने सरकारी बैंकों में 70,000 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की भी घोषणा की जिससे उनकी ऋण बांटने की क्षमता बढ़ेगी। टाटा कैपिटल के प्रबंध निदेशक राजीव सब्बरवाल ने कहा कि बैंकों में पूंजी डालने, आंशिक ऋण गारंटी देने और डिबेंचरों के सार्वजनिक निर्गम से जुड़ी अनिवार्यताओं को सरल करने से अच्छा प्रदर्शन करने वाली एनबीएफसी के लिए तरलता का प्रवाह बढ़ेगा। 

बजाज फिनसर्व के संजीव बजाज ने तरलता सहयोग से जुड़े कदमों पर कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह कदम एनबीएफसी को वैसा ही दीर्घकालिक सहयोग देंगे जैसा रिजर्व बैंक, बैंकों को देता है। ग्राहक और लघु उद्योग क्षेत्र की मांग को पूरा करने में एनबीएफसी की अहम भूमिका है। एनबीएफसी कंपनियों के शीर्ष संगठन एफआईडीसी के सह-चेयरमैन के. वी. श्रीनिवासन ने कहा कि एनबीएफसी कंपनियों की कुल एक लाख करोड़ रुपए मूल्य की दबाव वाली परिसंपत्तियां सरकारी बैंकों के खरीदने पर सरकार की ओर से 10 प्रतिशत तक के पहले नुकसान पर छह महीने तक के लिए एक बार दी जाने वाली आंशिक ऋण गारंटी का कदम विश्वास बहाली करने की दिशा में अहम है। 
 


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jyoti choudhary

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