Adani Group की कंपनियों का बदल रहा शेयरधारक पैटर्न

punjabkesari.in Wednesday, Apr 24, 2024 - 12:04 PM (IST)

नई दिल्लीः शॉर्ट सेलिंग और नियामकों की गहन जांच के बीच अडानी समूह (Adani Group) की कंपनियों के शेयरधारकों के पैटर्न में काफी बदलाव आया है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के बजाय स्पष्ट पहचान वाले निवेशकों और व्यापक आधार वाले फंडों की मौजूदगी बढ़ी है। स्टॉक एक्सचेंज द्वारा सार्वजनिक तौर पर जारी शेयरधारिता आंकड़ों के विश्लेषण से यह जानकारी मिली है। समूह की कंपनियों में सीधे तौर पर कम से कम 1 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले बड़े शेयरधारकों में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), अमेरिकी निवेशक जीक्यूजी पार्टनर्स, अबू धाबी की इंटरनैशनल होल्डिंग कंपनी और कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी की आईएनक्यू होल्डिंग शामिल हैं।

यहां तक कि घरेलू म्युचुअल फंडों ने भी अडानी समूह के शेयरों में निवेश करना शुरू कर दिया है। समूह के कुछ शेयरों का निफ्टी 50 और निफ्टी नेक्स्ट 50 जैसे लोकप्रिय सूचकांकों में शामिल होना भी इसकी एक वजह है। एक विश्लेषक ने कहा, ‘मार्च 2024 तिमाही के दौरान एफपीआई ने अडानी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों में से सात में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। अधिकतर कंपनियों में खुदरा और घरेलू निवेशकों ने भी ऐसा ही किया है। एक या दो पुराने निवेश को छोड़ दिया जाए तो अडानी समूह की कंपनियों के मौजूदा ढांचे पर उंगली उठाने की गुंजाइश नहीं है। समूह के परिचालन प्रदर्शन में सुधार होने, ऋण बोझ में कमी आने और बेहतर मूल्यांकन से इसे निवेशकों के बीच बेहतर स्वीकार्यता मिलेगी।’

अगर आप कुछ साल पहले की स्थिति पर नजर डालें तो तस्वीर अलग दिखेगी। अडानी समूह की अधिकतर कंपनियों के बड़े शेयरधारक मॉरीशस के थे। उनके अंतिम लाभकारी स्वामित्व (यूबीओ) की पहचान करने में नियामक को भी कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। फिलहाल कुछ फंड जो बाजार नियामक सेबी की जांच के दायरे में हैं, उनका अडानी समूह की कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी थी।

अडानी समूह ने हमेशा किसी भी तरह की गड़बड़ी करने अथवा इनमें से किसी भी फंड से संबंध होने से इनकार किया है। बाजार नियामक सेबी ने निवेश संबंधी नियमों के कथित उल्लंघन के लिए जिन निवेशकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है उनमें अलबुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड, एपीएमएस इन्वेस्टमेंट फंड, इलारा इंडिया ऑपर्च्युनिटीज फंड, वेस्पेरा फंड और एलटीएस इन्वेस्टमेंट फंड शामिल हैं।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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