Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की तैयारी में मोदी सरकार, बजट सत्र में पेश हो सकता है बिल

punjabkesari.in Saturday, Jan 30, 2021 - 05:22 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः डिजिटल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी के रूप में पूरी दुनिया में बिटकॉइन (Bitcoin) की धूम है लेकिन केंद्र सरकार देश में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने जा रही है। बजट सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध से संबंधित एक विधेयक को संसद के पटल पर सूचीबद्ध किया गया है यानी सरकार इसी सत्र में इस विधेयक को पारित कर हमेशा के लिए बिटकाॅइन को प्रतिबंधित कर देगी। वहीं सरकार रुपए की डिजिटल करेंसी भी लाने की तैयारी कर रही है।

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शुक्रवार से शुरू हुए बजट सत्र में केंद्र सरकार ने भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, ईथर, रिपल और अन्य को प्रतिबंधित करने के लिए एक बिल लिस्ट किया है। विधेयक में आधिकारिक डिजिटल मुद्रा पर विधायी ढांचे के निर्माण का भी प्रावधान है यानी सरकार खुद की क्रिप्टोकरेंसी लाने के लिए भी कानूनी रास्ता बना रही है। इससे पहले, 25 जनवरी को आरबीआई की एक बुकलेट में रुपए के डिजिटल संस्करण का जिक्र है। आरबीआई यह पता लगाने की काेशिश कर रहा है कि रुपए के डिजिटल एडिशन से क्या फायदा है और यह कितना उपयोगी है।

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केंद्रीय बैंक की बुकलेट में कहा गया है कि बिटकॉइन जैसी निजी डिजिटल मुद्राओं ने हाल के वर्षों में लोकप्रियता हासिल की है। भारत में रेगुलेटरों और सरकारों ने इन मुद्राओं के बारे में संदेह किया है और इससे उत्पन्न जोखिमों के बारे में आशंकित हैं। फिर भी, आरबीआई इनकी संभावना के बारे में पता लगा रहा है। नोट में इस बात का भी जिक्र किया गया है यदि देश में करेंसी के डिजिटल वर्जन की जरूरत है तो इसे कैसे चालू किया जा सकता है? गौरतलब है कि 2018 में जारी क्रिप्टोक्यूरेंसी से जुड़े भुगतानों के लिए बैंक चैनलों के उपयोग पर आरबीआई ने प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी के विनियमन पर सवाल खड़ा कर दिया था।

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दो साल पहले भी तैयार हो चुका है बिल
2019 में क्रिप्टोक्यूरेंसी पर एक सरकारी बिल में कथित तौर पर क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध लगाने और भारत में इसके उपयोग को आपराधिक बनाने की मांग की गई थी। हालांकि, इसे संसद में पेश नहीं किया गया था। पिछले एक साल में भारत में क्रिप्टोकरंसी के निवेशकों की संख्या और ट्रेडिंग वॉल्यूम में उछाल देखा गया है। Cryptocurrency एक्सचेंज जैसे CoinDCX और Coinswitch Kuber ने भी फंड जुटाया है। अब इस नए बिल से देश में नवजात क्रिप्टोकरेंसी उद्योग का अंत हो सकता है। नए बिल का विस्तृत मसौदा अभी तक सार्वजनिक डोमेन में जारी नहीं किया गया है। इसलिए इसमें क्या प्रावधान हैं, यह जानकारी पता नहीं चल पाई है।

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी होती है। डॉलर या रुपए जैसी करेंसी की तरह क्रिप्टोकरेंसी से भी लेन-देन किया जा सकता है। भारत में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। पेपाल ने अपने प्लेटफॉर्म पर बिटकॉइन के जरिए लेन-देन को मंजूरी दे दी है।
 


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jyoti choudhary

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