McDonald''s के बंद होने पर इन लोगों को लग सकता है बड़ा झटका

punjabkesari.in Wednesday, Aug 23, 2017 - 02:00 PM (IST)

नई दिल्लीः मेकडॉनल्ड्स इंडिया ने कनॉट प्लाजा रेस्ट्रॉन्ट लिमिटेड (सी.पी.आर.एल.) द्वारा उत्तर और पूर्व भारत में चलाए जा रहे सभी 169 रेस्त्राओं के लिए व्यावसायिक करार खत्म कर दिया है। कंपनी ने सी.पी.आर.एल. पर अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन और भुगतान में चूक का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया है और इससे वह अब मैकडॉनाल्ड के नाम, चिह्न और बौद्धिक सम्पदा का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। कंपनी के इस फैसले से प्रमुख विक्रेताओं, मॉल ऑपरेटरों और जमीन मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

होगा भारी नुक्सान
प्रमुख विक्रेताओं में विस्टा प्रोसेस्ड फूड (चिकन, सब्जी सप्लायर), स्क्रिबर डायनामिक्स डेयरीज (पनीर सप्लायर), मिसेज बेकटर फूड (बन्स और सॉस सप्लायर) और अमृत फूड्स (मिल्कशेक सप्लायर) शामिल हैं। राधाकृष्ण फूडलैंड उत्तर और पूर्व क्षेत्र में मेकडॉनल्ड्स का पार्टनर है। प्रमूख विक्रेताओं में से एक के उच्चाधिकारी ने बताया कि हमें कंपनी के इस फैसले से भारी नुक्सान होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि हमने 2 सालों से कीमतें भी नहीं बढ़ाई है। लेकिन अब कंपनी की लड़ाई में हमें बड़े घाटे का सामना करना पड़ेगा। हमें उन किसानों की भी भरपाई करनी पड़ेगी जिनसे हम कई सालों से सेवा ले रहे थे।
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कुछ मॉल मालिकों ने कहा कि वे सी.पी.आर.एल. को लिखेंगे कि उन्हें 3 महीने के किराए पर मुआवजा दिया जाए या दुकानों फिर से खोलने का आश्वासन दिया जाए। डीएलएफ प्रीमियम मॉल के प्रमुख पुष्पा बेकटर ने कहा हम जल्द से जल्द मैकडॉनल्ड्स से इस स्थिति पर स्पष्टता चाहते हैं। बता दें के मैकडॉनल्ड्स के एक औसत आउटलेट पर हर दिन लगभग 1200 ग्राहक आते हैं। 169 स्टोरों में से बक्शी का अधिकार कुछ स्टोर्स पर ही है, जबकि ज्यादातर सी.पी.आर.एल. के दायरे में आते हैं।


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