‘मेक इन इंडिया’ का कमाल: विदेशों में धूम मचा रहे चीन के फोन, भारत में हो रही बंपर कमाई

punjabkesari.in Saturday, Jun 14, 2025 - 10:46 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत में बने स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद अब घरेलू बाजार तक सीमित नहीं रह गए हैं। ‘मेक इन इंडिया’ नीति और उत्पादन क्षमताओं में निरंतर बढ़ोतरी के चलते ये उत्पाद अब पश्चिम एशिया, अफ्रीका और अमेरिका जैसे प्रमुख बाजारों तक अपनी पहुंच बना रहे हैं। खास बात यह है कि यह निर्यात चीन की बड़ी कंपनियों द्वारा भारत में निर्मित उत्पादों के जरिए हो रहा है, जो पहले केवल चीन और वियतनाम से इन देशों में भेजे जाते थे।

Oppo और Realme ने शुरू किया निर्यात, करोड़ों की विदेशी मुद्रा अर्जित

रिपोर्ट के मुताबिक, ओप्पो मोबाइल इंडिया ने वित्त वर्ष 2023-24 में पहली बार ₹272 करोड़ की विदेशी मुद्रा केवल निर्यात के माध्यम से अर्जित की है। इसी अवधि में रियलमी मोबाइल इंडिया ने भी ₹114 करोड़ की कमाई की है। दोनों कंपनियों ने यह आंकड़े रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) के समक्ष पेश किए हैं। यह शुरुआत भले ही सीमित हो लेकिन भारत से चीनी कंपनियों के निर्यात की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

Hisense और Lenovo की आगे की रणनीति

चीन की घरेलू इलेक्ट्रॉनिक कंपनी Hisense Group भारत में ₹100 करोड़ का नया प्लांट श्री सिटी में स्थापित कर रही है, जिससे वह पश्चिम एशिया और अफ्रीका में टेलीविजन और उपकरणों का निर्यात शुरू करेगी। इसी तरह Lenovo Group भारत से सर्वर और लैपटॉप निर्यात करने की योजना पर काम कर रही है। उसकी स्मार्टफोन इकाई Motorola पहले से ही Dixon Technologies के माध्यम से अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात कर रही है।

भारतीय कंपनियों से मजबूत हो रही साझेदारी

डिक्सन टेक्नोलॉजीज जैसी भारतीय मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां अब Transsion Holdings जैसे ब्रांड्स (जैसे Itel, Tecno, Infinix) के लिए स्मार्टफोन बना रही हैं। Transsion ने भारत से अफ्रीका को निर्यात शुरू कर दिया है। Dixon अब निर्यात की मांग को देखते हुए अपनी उत्पादन क्षमता 50% तक बढ़ा रही है।

सरकार की नीति और दबाव से बदला रुख

भारत सरकार चीन के साथ तनाव और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लंबे समय से यह कहती आ रही है कि चीनी कंपनियां भारत में निर्माण करें, भारतीय साझेदारों के साथ काम करें और भारतीय नागरिकों को नेतृत्व की भूमिकाओं में लाएं। इसके चलते कई कंपनियां अब भारत को केवल निर्माण स्थल नहीं बल्कि वैश्विक सप्लाई हब के रूप में विकसित करने में लगी हैं।

PLI स्कीम से हो रहा लाभ

सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत कुछ कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने में मदद मिल रही है। हालांकि ज्यादातर चीनी कंपनियां सीधे योजना में शामिल नहीं हैं, लेकिन Dixon जैसे भारतीय कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स को इसका सीधा लाभ मिल रहा है।

अमेरिकी टैरिफ और भू-राजनीतिक दबाव बना रहा है अवसर

उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए जा रहे टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव ने चीनी कंपनियों को विकल्प के तौर पर भारत की ओर मोड़ा है। आने वाले समय में और कंपनियां भारत से वैश्विक बाजारों में प्रवेश कर सकती हैं, जिससे भारत वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन में एक महत्वपूर्ण निर्यात केंद्र के रूप में उभर सकता है।

 


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Content Writer

jyoti choudhary

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