कम डिस्काउंट और आर्थिक मंदी के चलते ऑनलाइन शॉपिंग में आई गिरावट

punjabkesari.in Monday, Sep 16, 2019 - 04:43 PM (IST)

मुंबईः ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर ग्राहकों द्वारा शॉपिंग में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। इस साल की शुरुआती छह महीनों में ग्राहकों द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग पर किया जाने वाला खर्च घटकर एक चौथाई रह गया है। रिसर्च कंसल्टेंसी फर्म Kantar की रिपोर्ट के मुताबिक, ई-टेलर्स के डिस्काउंट घटाने और आर्थिक सुस्ती के कारण ग्राहकों की ऑनलाइन शॉपिंग में रुचि कम हुई है। ऑनलाइन शॉपिंग सेक्टर को फेस्टिव सीजन से उम्मीद है कि पहले छह महीनों में जो बिक्री में गिरावट हुई है, उसकी भरपाई इस छमाही में कर ली जाएगी।

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मोबाइल फाेन खरीदारों में 17% गिरावट
एक रिपोर्ट से पता चला है कि ग्राहकों की तरफ से टिकट साइज में औसतन 27 फीसदी और औसत खर्च में 21 फीसदी की गिरावट आई है। Kantar के एमडी (इनसाइट्स डिवीजन) हेमंत मेहता ने बताया 'आर्थिक सुस्ती का असर ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले ग्राहकों पर भी पड़ा है। वे शॉपिंग से बच रहे हैं या बहुत सोच-समझकर ही खरीदारी कर रहे हैं।' रिपोर्ट के मुताबिक, महत्वपूर्ण वर्गों में खरीदारी की संख्या घटी है। मोबाइल फोन खरीदारों में 17 फीसदी और फैशन सेगमेंट के ग्राहकों की संख्या में 16 फीसदी गिरावट आई है। रिपोर्ट में बताया गया, 'ऑनलाइन शॉपिंग पर पहले सुस्ती का असर नहीं पड़ता था, लेकिन 2019 की पहली छमाही में बायर्स की संख्या और खर्च में गिरावट हुई है।’

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डिस्काउंट में कमी
रिपोर्ट के मुताबिक, इसका एक कारण डिस्काउंट में हुई कटौती है। 2018 से 2019 के बीच डिस्काउंट लगभग आधा हो गया है। Kantar ने रिपोर्ट तैयार करने से पहले 50,000 ग्राहकों के ऑनलाइन परचेज बिहेवियर की स्टडी की थी। इंडस्ट्री बॉडो नैस्कॉम (Nasscom) के मुताबिक, भारतीय ई-कॉमर्स बाजार 2018-19 में 38.5 अरब डॉलर का रहा, जो 2017-18 में 33 अरब डॉलर का था। इस साल आर्थिक मंदी के चलते फेस्टिव सीजन के दौरान ऑनलाइन मार्केटप्लेस में 25-27 फीसदी सेल्स ग्रोथ होने की उम्मीद है, जो कि पिछले साल के 35 फीसदी ग्रोथ के मुकाबले कम रहेगा।

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लोग बच रहे हैं खरीदारी से
स्टैनफोर्ड एंजेल्स की संस्थापक और को-प्रेसिडेंट पॉला मरिवाला ने कहा कि शॉपिंग में कुछ हद तक गिरावट आनी ही थी। उन्होंने बताया, "बैंक और एनबीएफसी मुश्किल से कर्ज दे रहे हैं। इसका असर यहां भी देखने को मिल रहा है। देश के ज्यादातर ग्राहक महंगे फोन और फैशन पर ईएमआई के जरिए खर्च करते थे। ये लोग अब खरीदारी से बच रहे हैं। उन्होंने डिस्काउंट में हुई कमी को भी बिक्री में गिरावट का कारण बताया। पॉला ने कहा, 'पहले फैशन सेगमेंट में काफी प्रतिस्पर्धा थी। अब ई-कॉमर्स कंपनियों को ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए डिस्काउंट देने की जरूरत नहीं है।' मिनिस्ट्री ऑफ स्ट्रैटिस्टिक्स प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन के मुताबिक, ऑनलाइन साइट्स की बिक्री में गिरावट का एक कारण शहरी क्षेत्रों की महंगाई दर में बढ़ोतरी भी हो सकती है। अगस्त में यह बढ़कर 3.21 फीसदी हो गई थी।


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jyoti choudhary

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