जनऔषधि योजनाः 4 माह में मिले 28 हजार आवेदन

punjabkesari.in Saturday, Apr 15, 2017 - 02:26 PM (IST)

नई दिल्लीः यू.पी.ए. सरकार के समय से ही लड़खड़ा रही सस्ती दवाओं की जनऔषधि योजना को आगे बड़ी कामयाबी मिल सकती है। पिछले 8 सालों में योजना के तहत सिर्फ 1100 मेडिकल स्टोर ही खुल पाए हैं। वहीं, दिसंबर 2016 से अबतक सरकार को सेंटर खोलने के लिए करीब 28 हजार आवेदन मिल चुके हैं।

बता दें कि हर नागरिक को सस्ती कीमत पर क्वालिटी दवाएं उपलब्ध कराने के लिए यू.पी.ए. सरकार ने 2008 में देश भर में जनऔषधि सेंटर खोले जाने की योजना बनाई थी जिसके जरिए अच्छी क्वालिटी वाली जेनेरिक मेडिसिन और जरूरी मेडिकल डिवाइसेज सेल होने थे, लेकिन, शुरूआती सालों में लोगों ने ज्यादा रिस्पांस नहीं दिखाया। पिछले दिनों सरकार ने मेडिकल स्टोर खोलने पर दुकानदारों के कमीशन से लेकर उन्हें मिलने वाले ग्रांट को बढ़ा दिया था। दवाओं की संख्‍या भी बढ़ाकर 600 कर दी थी।

24 हजार आवेदन शॉर्टलिस्ट
ब्यूरो ऑफ फार्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया (BPPI) के एक सूत्र के अनुसार जनऔषधि योजना के नियमों में बदलाव के बाद से लोगों ने इसमें रूचि दिखाई है। दिसंबर के बाद से अब तक सरकार को 28 हजार से ज्यादा आवेदन मिल चुके हैं। फिलहाल इनमें से प्राइमरी लेवल पर अभी 24000 आवेदन शॉर्टलिस्ट किए गए हैं। 

मार्च तक टारगेट था 3000, अब तक सिर्फ 1148 सेंटर 
सरकार ने मार्च 2017 तक देशभर में 3000 जनऔषधि सेंटर खोले जाने का टारगेट सेट किया था, लेकिन, 14 अप्रैल 2017 तक सिर्फ 1148 स्टोर ही खोले जा सके थे। यानी सरकार अभी भी टरगेट से करीब 60 फीसदी पीछे रह गई है। 

दुकानदारों के कमीशन और ग्रांट बढ़ाए
सरकार ने जनऔषधि सेंटर खोलने वाले दुकानदारों का कमीशन बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। यानी हर महीने कुल सेल का 20 फीसदी दुकानदारों के अकाउंट में कमीशन के रूप में आ जाएगा। पहले यह 15 फीसदी था। वहीं, सेंटर खोलने पर 2.5 लाख रुपए ग्रांट दिए जाएंगे, जो पहले 1.5 लाख रुपए था। यह ग्रांट दवाओं, दुकान के सेट-अप आदि के लिए दिया जाएगा।

राज्यों-सांसदों का लेना पड़ा सहारा
टारगेट से पीछे रह गई सरकार ने सभी 600 डिस्ट्रिक्ट में सरकारी अस्पतालों में जन औषधि सेंटर खोलने के लिए राज्यों से नए सिरे से बात की। कई राज्यों के साथ एमओयू भी साइन किए। फॉर्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के कॉलेजों में 600 सेंटर खोलने के लिए एम.ओ.यू. पर साइन हुआ है। एन.जी.ओ. के साथ भी कॉन्ट्रैक्ट किए गए। सरकार ने पिछले साल नवंबर में सभी सांसदों को भी लेटर लिखकर अपने-अपने क्षेत्र में कम से कम 5 नए सेंटर खुलवाने को कहा था।
 
 


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