GST से निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन : आर.बी.आई.

punjabkesari.in Sunday, May 14, 2017 - 10:45 AM (IST)

नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ने 1 जुलाई से लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) से निवेश को प्रोत्साहन मिलने और वित्तीय मजबूती जैसे फायदे गिनाते हुए अगले एक से डेढ़ साल के लिए खुदरा महंगाई बढऩे की आशंका भी व्यक्त की है। केंद्रीय बैंक द्वारा जारी रिपोर्ट स्टेट फाइनेंसेज 'अ स्टडी ऑफ बजट्स ऑफ 2016-17' में कहा गया है, भारत के मौजूदा कर ढांचे में पूंजीगत वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क और वैट (मूल्य वद्र्धित कर) लागू होने से निवेश प्रोत्साहित होता है क्योंकि इनके लिए कोई लागत कर छूट नहीं मिलती।
 

GST से निवेश में होगी बढोतरी 
रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर-विनिर्माण क्षेत्र को पूंजीगत उपकरण की खरीद पर उत्पाद शुल्क के लिए लागत छूट नहीं मिलती, इसी प्रकार सेवा क्षेत्र के लिए खरीदी गयी पूंजीगत वस्तु पर राज्यों के वैट में कोई लागत कर छूट नहीं मिलती। आर.बी.आई. ने सुब्रमणियम् समिति की वर्ष 2015 की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि जी.एस.टी. से निवेश में 2 प्रतिशत तक की बढोतरी हो सकती है जिससे देश के सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) में 0.5 प्रतिशत का इजाफा होगा। हालाँकि, अन्य अध्ययनों में जीएसटी लागू होने के बाद जी.डी.पी. में 1.7 प्रतिशत तथा 3.1 से 4.2 प्रतिशत तक की अतिरिक्त बढ़ोतरी की बात भी कही गयी है। 

कर प्रशासन में बढ़ेगी पारदर्शिता 
केंद्रीय बैंक के अध्ययन के अनुसार, जीएसटी लागू होने से अनुपालना (कंप्लायंस) लागत में कमी आएगी, कर पर कर लगाने से बचा जा सकेगा और कर प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ेगी। यह देखते हुए कि भारत में सेवा क्षेत्र काफी सशक्त है, इससे आने वाले समय में बड़ा परिवर्तन होगा। आर.बी.आई. ने कहा है कि जी.एस.टी. से छोटे तथा मध्यम उद्योगों को भी लाभ होगा। इससे उनके लिए कारोबार करना आसान हो जायेगा, लॉजिस्टिक लागत कम होगी, राज्यों की सीमाओं के बाहर भी उनकी पहुँच बनेगी और बिक्री एवं सेवाओं में कारोबार करने में उन्हें सहूलियत होगी।


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