आसमान पर सब्जियों के दाम, सरकार की कोशिशों के बावजूद महंगाई की मार जारी

punjabkesari.in Tuesday, Nov 03, 2020 - 06:05 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद फेस्टिव सीजन में आम आदमी पर महंगाई की मार जारी है। फेस्टिव सीजन में सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। पिछले एक महीने के दौरान आलू-प्याज और टमाटर की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। सरकार के प्याज के दाम को काबू में लाने के विभिन्न प्रयासों के बावजूद देश के कई राज्यों में आलू-प्याज के दाम में तेजी बनी हुई है। फेस्टिव सीजन की शुरुआत के साथ ही सब्जियों के भी भावों ने छलांग लगानी शुरू कर दी है। आलू-प्याज के भावों में कुछ समय की नरमी के बाद अब फिर से तेज हो गए हैं।

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दीपावली तक कीमतों में राहत की उम्मीद
शहर की सब्जी मंडी में प्याज का खुदरा 70 से 100 रुपए प्रति किलोग्राम तक जा पहुंचा है, वहीं आलू के भी भाव कम होने की बजाय बढ़कर 40 से 50 रुपए प्रति किलो तक जा पहुंचे हैं। टमाटर भी 50 से 70 रुपए प्रति किलो की दर पर बिक रहा है। दीपावली तक कीमतों में राहत की उम्मीद कम ही नजर आ रही है। चिंता की बात यह है कि प्याज और आलू की कीमतें जनवरी तक स्थिर रहने की संभावना है।

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थोक बाजार में आलू के दाम 108% बढ़े 
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक साल में थोक बाजार में आलू के दाम 108 प्रतिशत बढ़े हैं। साल भर पहले थोक में आलू 1,739 रुपए प्रति क्विंटल बिकता था, जबकि अब भाव 3,633 रुपए क्विंटल हो गया है। राजधानी दिल्ली में इस समय खुदरा में आलू 60 रुपए किलो के भाव से बिक रहा है। वहीं, मुंबई में भी करीब वही रेट है। इसके अलावा, कोलकाता में आलू 50-65 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है। भोपाल में आलू का भाव 50-55 रुपए किलो पहुंच गया है।

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आलू और प्याज के अलावा लहसुन और अदरक भी महंगाई के ग्राफ में काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर में लहसुन 150-160 रुपए और अदरक 90-100 रुपए किलोग्राम के पार पहुंच गया है। वही, दिल्ली-एनसीआर के रिटेल मार्केट में टमाटर 50-60 रुपए प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। कुछ दिन पहले तक टमाटर 30 रुपए प्रति किलो के भाव पर मिल रहा था।

देश में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक तीन प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य हैं। इन राज्यों में इस साल भारी बारिश हुई है, जिसके कारण खरीफ फसल को काफी नुकसान हुआ है और देशभर आपूर्ति प्रभावित हुई है। यही वजह है कि पिछले कुछ सप्ताह से प्याज की कीमत ऊंची बनी हुई है। सरकार प्याज-आलू की बढ़ती कीमतों पर काबू में करने के लिए कदम उठा रही है।

सहकारी नैफेड (Nafed) ने 20 नवंबर तक 15,000 टन लाल प्याज की आपूर्ति के लिए शनिवार को आयातकों से बोलियां आमंत्रित की। आयातक अपनी बोलियां चार नवंबर तक जमा करा सकते हैं। देश में प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने और घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए नैफेड ने यह टेंडर निकाली है। नैफेड सरकार के कहने पर प्याज का बफर स्टॉक रखता है, लेकिन अब वह धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।

ऐसे में सरकार ने नैफेड से घरेलू बाजार में आपूर्ति बनाए रखने के लिए कहा है, ताकि बाजार में हस्तक्षेप किया जा सके। नैफेड अपने एक लाख टन के बफर स्टॉक में से अभी तक बाजार में करीब 37,000 टन प्याज की आपूर्ति कर चुका है। ताकि कीमतों को नियंत्रित किया जा सके। उद्योग और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 30 अक्टूबर को कहा था कि 7,000 टन प्याज का आयात किया जा चुका है, जबकि 25,000 टन और प्याज के दिवाली से पहले आने का अनुमान है। सरकार द्वारा किसान रेल के जरिए प्याज को देश के हर कोने तक पहुंचाया जा रहा है।


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jyoti choudhary

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