इंदिरा नूई देंगी PepsiCo से इस्तीफा, रैमॉन लगुआर्ता होंगे नए CEO

punjabkesari.in Monday, Aug 06, 2018 - 06:39 PM (IST)

नई दिल्लीः दुनियाभर में शीतल पेय बेचने वाली अमेरिकी कंपनी पेप्सीको की सीईओ इंदिरा नूई अपने पद से इस्‍तीफा देने जा रही हैं। वह 12 साल से इस दिग्गज कंपनी की जिम्‍मेदारी संभाले हुए थीं। 62 वर्षीय इंदिरा नूई 3 अक्टूबर को सीईओ का पद छोड़ देंगी। हालांकि वह 2019 के शुरूआती महीनों तक चेयरमैन रहेंगी। नूई लगभग 24 साल तक कंपनी से जुड़ी हुई हैं। 

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रैमॉन लगुआर्ता होंगे नए CEO
54 वर्षीय रैमॉन लगुआर्ता नूई की जगह लेंगे, वह पेप्‍सी में 22 साल से काम कर रहे हैं। वह पिछले साल सितम्‍बर से प्रेसिडेंट की भूमिका में हैं। उनके पास कंपनी के वैश्विक ऑपरेशन, कॉर्पोरेट स्‍ट्रेटजी, पब्लिक पॉलिसी जैसे काम थे। कंपनी ने बताया कि नूई के अलावा लीडरशिप में कोई और बदलाव नहीं होगा।

सोमवार को पेप्सीको की तरफ से यह जानकारी जारी की गई है। पेप्सीको के इतिहास में इंदिरा नूई पहली महिला सीईओ थीं।

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नूई ने क्या कहा?
नूई की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'भारत में जब मेरा बचपन गुजर रहा था तब मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस तरह की असाधारण कंपनी का नेतृत्‍व करने का मौका मिलेगा। जितना मैंने सपने में सोचा था उससे कहीं ज्‍यादा हमने लोगों के जीवन पर सार्थक असर डाला है। 12 साल तक कंपनी, शेयरहोल्डर्स और सभी संबंधित पक्षों के हितों में काम करने का मुझे गर्व है। आज पेप्सिको मजबूत स्थिति में है और इसके सुनहरे दिन तो अभी आने हैं।'  इंदिरा नूई के नेतृत्व में पेप्सीको ने कई बड़े बदलाव देखें। यहां तक कि पेप्सीको में हुए तमाम प्रयोगों का श्रेय उन्हें ही दिया जाता रहा है। 

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ICC की पहली स्वतंत्र महिला निदेशक
नूई को फरवरी, 2018 में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की निदेशक नियुक्त किया गया था। वह आईसीसी की पहली स्वतंत्र महिला निदेशक हैं। नूई जून 2018 में बोर्ड से जुड़ीं। उनकी नियुक्ति 2 साल के लिए की गई है।

कुछ खास बातें

  • कई कंपनियों में काम करने के बाद 1994 में इंदिरा ने पेप्सिको ज्वाइन किया
  • 38 वर्ष की उम्र में उन्होंने पेप्सिको में लंबी अवधि की नीतियां बनाने की प्रमुख के तौर पर ज्वाइन किया
  • 10 साल के बाद 2004 में कंपनी की मुख्य फाइनेंस अधिकारी और 2006 में वो कंपनी की सीईओ बनीं
  • इंदिरा पेप्सिको का नेतृत्व करने वाली न केवल पहली महिला रहीं बल्कि पहली विदेशी भी रही हैं
  • 2006 के बाद से वो दुनिया की शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल रही हैं
  • वर्ष 2007 में उन्हें भारत का प्रतिष्ठित पद्म भूषण सम्मान भी दिया गया था

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jyoti choudhary

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